चरखी दादरी:हरियाणा में सरकार ने 26 मार्च से सरसों की सरकारी खरीद की घोषणा की थी. लेकिन मंडी में बाहरी एजेंटों द्वारा फसल को खरीदा जा रहा था. जिसको लेकर मंडी आढ़तियों ने फसल की सरकारी खरीद का बहिष्कार कर दिया था. चरखी दादरी में सरकार की घोषणा के चार दिन बाद मंडी आढ़तियों और सरकार के बीच सहमति बनने के बाद शहर की अनाज मंडी में सरसों की खरीद शुरू हो गई. लेकिन एक बार फिर किसान सरकार की अव्यवस्थाओं का शिकार हो गया.
अव्यवस्थाओं का शिकार हो रहा किसान:किसानों का लंबा इंतजार आज बेशक खत्म हुआ. लेकिन किसानों की समस्याएं उतनी ही ज्यादा दिखी. लंबे समय बाद मंडी सरसों की आवक काफी तेजी से देखने को मिली. चरखी दादरी में किसान बड़ी संख्या में ट्रैक्टर ट्रॉली लेकर मंडी पहुंचे थे. जिसके चलते मंडी के बाहर वाहनों की लंबी कतारें लगी रही. इस दौरान स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए भारी पुलिस बल भी मौजूद रहा.
लंबे इंतजार के बाद भी किसान परेशान: किसानों को सुबह से लेकर शाम तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा. इस दौरान किसान काफी मायूस और निराश नजर आए. किसानों ने बताया कि वो सुबह 4 बजे से लाइनों में लगे हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं. लेकिन उन्हें सुबह से शाम तक कोई टोकन नहीं मिला. किसानों ने बैडकोर व पैसे लेकर टोकन देने के आरोप भी लगाए हैं. साथ ही प्रशासन व सरकार से खरीद व्यवस्थाओं में सुधार करने की भी मांग उठाई है.
आढ़तियों ने किया था फसल खरीद का बहिष्कार: बता दें कि बाहरी एजेंटो के माध्यम से की जा रही सरसों की खरीद का अनाज मंडी के स्थाई आढ़ती विरोध कर रहे थे. जिसके चलते मंडी आढ़तियों ने धरना प्रदर्शन कर खरीद का बहिष्कार किया था और मंडी में खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से नहीं चल पाई थी. रविवार शाम को अनाज मंडी के आढ़तियों, प्रशासनिक अधिकारियों, मार्केट कमेटी के अधिकारी, चरखी दादरी के विधायक व खरीद एजेंसी के प्रतिनिधि के बीच बैठक आयोजित की गई थी. काफी विचार-विमर्श करने के बाद आढ़ती सोमवार से खरीद शुरू करने पर राजी हो गए थे. जिसके चलते आज से खरीद प्रक्रिया सुचारू रूप से चलने व इसमें तेजी आने की उम्मीद थी.