जींद/भिवानी : कलगीधर पातशाह गुरू गोविंद सिंह के प्रकाश पर्व की खुशी में रविवार को शहर में नगर कीर्तन का आयोजन किया गया, जिसमें भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पालकी साहिब में सुजज्जित श्री गुरू ग्रंथ साहिब के समक्ष माथा टेक कर अपनी खुशी का इजहार किया. गुरुघर के प्रवक्ता बलविंदर सिंह के अनुसार नगर कीर्तन में गुरु ग्रंथ साहिब की अगुवाई पंज प्यारे कर रहे थे और सेवादार अपने गुरू के आगमन की खुशी में फूलों की वर्षा करते चल रहे थे. वहीं, सुखमनी सेवा सोसायटी के सेवादार आगे-आगे झाडू की सेवा कर रहे थे.
उन्होंने बताया कि गुरू तेग बहादुर शब्दी जत्था पालकी साहिब के पीछे अन्य गुरुद्वारों के शब्दी जत्थों और संगतों के सहयोग से शब्द कीर्तन गायन करते हुए चल रहे थे. सुखमनी सेवा सोसायटी का जत्था श्री सुखमनी साहिब की बानी का जाप करते चल रहा था और स्थानीय गुरुद्वारा साहिब के हजूरी रागी भाई जसबीर सिंह रमदसिया का जत्था निरोल बाणी का शब्द कीर्तन गायन करते हुए नगर कीर्तन की शोभा बढ़ा रहे थे.
फोरटीन मिलिट्री बैंड ने बढ़ाई शोभा : उन्होंने बताया कि दिल्ली से आए फोरटीन मिलिट्री बैंड ने भी नगर कीर्तन को चार चांद लगा रखे थे. रुपया चौक पर स्थानीय विधायक और विधानसभा डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण मिड्ढा की तरफ से संगतों के लिए विशेष रूप से कॉफी और मिठाई का स्टॉल लगाया गया.
गतका दल ने दिखाए करतब : नगर कीर्तन में रणजीत अखाड़ा गतका दल के सेवादारों और श्री गुरु तेग बहादुर गतका दल की छोटी-छोटी लड़कियों ने तलवार बाजी, युद्धकला, लाठी चलाने और आत्मरक्षा के शानदार अपने अपने जौहर दिखाए. पंजाब से विशेष रूप से मंगवाए गए म्युजिकल ग्रुप ने गुरू गोविंद सिंह की शहादत से संबंधित धार्मिक गीत सुना कर संगतों का मन मोह लिया.
गुरूघर प्रवक्ता बलविंदर सिंह ने बताया कि सोमवार को गुरू गोविंद सिंह का प्रकाश पर्व गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब में बड़ी धूमधाम से मनाया जाएगा. सबसे पहले सुबह 10 बजे श्री गुरू ग्रंथ साहिब के रखे गए अखंड पाठ का भोग डाला जाएगा. इसके बाद गुरुद्वारा साहिब में धार्मिक समागम का आयोजन किया जाएगा. झांझ गेट स्थित गुरुद्वारा सिंह सभा में भी प्रकाश पर्व की खुशी में सायं 6 बजे से 9 कीर्तन दरबार सजाया जाएगा.
भिवानी में निकली शोभायात्रा : भिवानी की पुरानी देवसर चुंगी स्थित गुरुद्वारा साहिब से पंज प्यारों की अगुवाई में शोभा यात्रा निकाली गई. श्री गुरु ग्रंथ साहिब को फूलों से सजी पालकी में और दस गुरुओं व चार साहिबजादों की प्रतिमाओं को अलग-अलग घोड़ा पालकी में सजाकर भक्तों के दर्शनार्थ के लिए शहर के मुख्य मार्गों पर ले जाया गया. पंज प्यारों के आगे महिलाओं ने झाड़ू लगाकर रास्ते को पानी से पवित्र किया और फूलों की बौछार भी की गई. वहीं यमुनानगर के गांव मछरौली के बाबा बलवंत सिंह भी पहुंचे, जिन्होंने पिछले 25 वर्षों से अपने सिर पर 800 मीटर लम्बी दस्तार सजाई हुई थी, जिसका कुल वजन 85 किलो है.
शहर से गुजरी पालकी : बाबा बलवंत सिंह का स्वागत भिवानी विधायक घनश्याम सर्राफ ने जो बोले सो निहाल के जयकारे के साथ किया. बाबा बलवंत सिंह ने आज के युवाओं से आह्वान किया कि अगर सिखी को बचाना है तो अपने सर पर केश रखकर दस्तार सजानी होगी.वहीं, बाज वाले निहंग सिक्ख ने सबका ध्यान अपनी और आकर्षित किया. शोभा यात्रा में सजाई गई भव्य पालकी जब शहर के मुख्य मार्गों से गुजरी तो शहरवासियों ने नतमस्तक होकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का नमन किया.
हैरतअंगेज करतब दिखाए गए : गुरुद्वारा के मुख्य ग्रंथी सतनाम सिंह ने बताया कि पंजाब के संगरूर से अकाल गतका ग्रुप द्वारा हैरतअंगेज करतब दिखाए गए, जिसमें आंखों पर पट्टी बांधकर दूसरे सिक्ख युवक के सिर पर नारियल रखकर उसे हथौड़े से तोड़ने के साथ-साथ अन्य करतबों ने भी दर्शकों के दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया.
इसे भी पढ़ें : कुर्सी पर बैठ कर गहन चर्चा कर रहे थे लोग, कार ने पॉपकॉर्न की तरह बिखेरा, सीसीटीवी में कैद वारदात
इसे भी पढ़ें : खनौरी बॉर्डर पर किसानों की महापंचायत: स्ट्रेचर पर आए डल्लेवाल, कहा- किसान मोर्चा ही जीतेगा, 10 जनवरी को फूंकेंगे पीएम का पुतला