शिवहर: बिहार के शिवहर में पानी की कमी से जूझ रहे किसानों ने अब खेती करने का नया फार्मूला निकाला है. जिसमें वह लागत से 8 गुना तक ज्यादा कमाई कर रहे हैं. गेहूं, मसूर और चना की खेती करने वाले किसान अब सरसों की खेती की तरफ रुचि दिखा रहे हैं. वजह साफ है कि इसमें लागत भी ज्यादा नहीं आती और बहुत कम पानी में भी इसकी अच्छी उपज हो जाती है. साथ ही जंगली जानवरों से भी नुकसान होने का डर नहीं रहता है. इसकी वजह से किसान इस तरफ बढ़ रहे हैं.
सरसों की खेती से किसानों की बढ़ी कमाई: शिवहर के विभिन्न ग्रामीण इलाके में करीब 400 हैकटेयर में सरसों की खेती की जा रही है. सरसों की खेती करने वाले किसान संजय पाण्डेय ने बताया कि गेहूं की खेती करने पर उसमें 20000 की लागत आती है. अच्छा उत्पादन होने पर 40 से 50 हजार का ही अनाज निकल पाता है, लेकिन सरसों में मात्र 10,000 की लागत में कम से कम 80,000 मिल जाते हैं. वह पिछले दो सालों से गेहूं को छोड़कर सरसों की खेती कर रहे हैं.
"सरसों के लिए भुरभुरी मिट्टी की जरूरत होती है. खरीफ फसलों की कटाई के बाद खेतों में एक गहरी जुताई प्लाऊ करनी चाहिए. तीन चार बाार देशी हल से जुताई करना चाहिए. इसके अलावा नमी संरक्षण के लिए हमे पाटा लगाना चाहिए. इस फसल से हमें पहले से काफी फायदा हो रहा है."-संजय पाण्डेय, किसान