भागलपुर: चीन में फैले एचएमपीवी वायरस के खतरे को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है. बिहार स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना की तर्ज पर ही पूरी तैयारी करने का निर्देश दिया है. इसे लेकर भागलपुर के जेएलएनएमसीएच के अधीक्षक के. के सिन्हा ने बताया कि फिलहाल इसका कोई खतरा बिहार में नहीं है. हालांकि इसके लिए आवश्यक तैयारी करने का निर्देश है, जिसे देखते हुए सभी व्यवस्था पर नजर रखी जा रही है.
कैसे शरीर में दाखिल होता है एचएमपीवी वायरस?: केके सिन्हा ने आगे बताया कि यह श्वसन तंत्र से जुड़ा हुआ वायरस है. इसके संक्रमण से बचने के लिए कोई विशेष एंटी वायरल या वैक्सीन अबतक उपलब्ध नहीं है. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एचएमपीवी के मरीजों के लिए 40 बेड सुरक्षित किए गए हैं. 20 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड और 20 बेड का मेडिसिन वार्ड तैयार है. बेड तक पाइपलाइन के जरिये ऑक्सीजन की सुविधा दी गई है.
"बिहार में अभी तक एचएमपीवी जांच की सुविधा नहीं है. संदिग्ध सैंपल पुणे की लैब में भेजने का निर्देश दिया गया है. रिपोर्ट आने में 5 से 7 दिन का समय लग सकता है. आरटी-पीसीआर जांच से इसे कन्फर्म किया जाता है."-के.के सिन्हा, अधीक्षक, जेएलएनएमसीएच
क्या है एचएमपीवी के लक्षण?: इसके साथ ही जेएलएनएमसीएच में इसके लक्षण को लेकर जरूरत की दवाइयां भी उपलब्ध है. प्रारंभिक जांच आरटी-पीसीआर से होगा, वहीं मुख्य जांच के तौर पर इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, दमा व सांस के गंभीर मरीजों का सैम्पल कलेक्ट कर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी पुणे भेजा जाएगा. कोरोना से मिलते जुलते लक्षण जैसे कफ, फीवर, नाक बहना, गले मे दर्द और सांस फूलने के लक्षण है, तो जांच कर सैंपल भेजा जाएगा. एचएमपीवी से निपटने के लिए अस्पताल पूरी तरह से तैयार है.
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी: सर्दी-जुकाम के बीच एचएमपीवी से सतर्क रहने की हिदायत दी गई है. एचएमपीवी यानी ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस चीन में तेजी से फैल रहा है. जिसके कुल 9 मरीज भारत में मिलने के बाद से हाई अलर्ट जारी किया गया है. इसको लेकर बिहार स्वास्थ्य विभाग द्वारा एडवाइजरी जारी की गई है. डीएम और सीएस को सतर्कता बरतने का निर्देश दिया गया है. कोविड-19 से संबंधित दवाइयां, मास्क, किट, ऑक्सीजन, वेंटिलेटर दुरुस्त करने का निर्देश जारी कर पूरी तरह से व्यवस्था को दुरुस्त रखने को कहा गया है.
पांच महीने के बच्चे में मिला वायरस: फिलहाल, बिहार के लिए राहत भरी खबर है कि यहां एक भी संदिग्ध मामला सामने नहीं आया है. पैनिक होने की जरूरत नहीं है. कोरोना जैसे एचएमपीवी के देश में 9 केस मिल चुके हैं. बिहार से सटे पश्चिम बंगाल में एक केस पाया गया है. यहां पांच महीने के बच्चे में यह वायरस मिला है.
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