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उत्तराखंड दुग्ध उत्पादकों को दिवाली तोहफा, जल्द क्लीयर होंगे पेंडिंग पेमेंट्स, दूर होगी कैश की किल्लत

उत्तराखंड के दुग्ध उत्पादकों को तोहफा, दीपावली से पहले होगी सभी पेंडिंग पेमेंट्स, 4 नवंबर के बाद 14 दिन में होगी पेमेंट

Animal Husbandry Minister Saurabh Bahuguna
पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा (फोटो- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 21, 2024, 6:24 PM IST

Updated : Oct 21, 2024, 7:09 PM IST

देहरादून:धामी सरकारदीपावली से पहले कर्मचारियों को महंगाई भत्ता देने की सौगात दे रही है. इसी कड़ी में दुग्ध विभाग भी सभी दुग्ध संघों और उत्पादकों को दीपावली की सौगात देने जा रही है. जिसके तहत सरकार ने निर्णय लिया है कि दीपावली से पहले दुग्ध संघों और दुग्ध उत्पादकों के बकाया धनराशि का भुगतान कर दिया जाएगा.

वर्तमान समय में दुग्ध संघों को प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दिए जाने वाले करीब 590 लाख रुपए का भुगतान पेंडिंग है. इसके साथ ही दुग्ध उत्पादकों के 12.66 करोड़ रुपए की देनदारी बाकी है. वहीं, सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि 4 नवंबर के बाद जो भी दुग्ध उत्पादक आंचल को दूध देगा, उसे 14 दिन के भीतर पेमेंट कर दिया जाएगा.

दुग्ध संघों को दी जाती है 4 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से प्रोत्साहन राशि:ईटीवी भारत से खास बातचीत में पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि जितने भी दुग्ध संघ हैं, उनके करीब 12.66 करोड़ रुपए पेमेंट्स की पेंडेंसी है, जो दुग्ध उत्पादकों को दी जानी है. इसके साथ ही दुग्ध संघों को जो 4 रुपए प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दी जाती है, वो करीब 5 करोड़ 89 लाख रुपए पेंडिंग है.

पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा से खास बातचीत (वीडियो- ETV Bharat)

इस तरह से करीब 18 करोड़ रुपए से ज्यादा की धनराशि पेंडिंग है. जिसको दीपावली से पहले सभी 53 हजार दूध पालकों को दे दिया जाएगा. दीपावली से पहले दुग्ध संघों और दुग्ध उत्पादकों को उत्तराखंड सरकार की ओर से एक बड़ी सौगात है. जिसे लेकर सरकार की तरफ से सारी प्रक्रियाएं पूरी कर ली गई हैं.

रुद्रप्रयाग जिले के दुग्ध उत्पादकों और संघों को पेमेंट के लिए करना होगा इंतजार:सौरभ बहुगुणा ने बताया कि केदारनाथ उपचुनाव के चलते रुद्रप्रयाग जिले में आदर्श आचार संहिता लागू है. ऐसे में रुद्रप्रयाग जिले को छोड़ बाकी सभी जिलों में मौजूद दुग्ध संघों और दुग्ध उत्पादकों को पेमेंट कर दिया जाएगा.

रुद्रप्रयाग जिले से आदर्श आचार संहिता हटने के बाद यहां के सभी दुग्ध उत्पादकों और दुग्ध संघ को पेमेंट कर दिया जाएगा. साथ ही कहा कि अब तीन-तीन महीने की पेंडेंसी ड्यू नहीं रहती है. हालांकि, वर्तमान समय में अधिकतम पेंडेंसी एक से सवा महीने की ही रहती है.

4 नवंबर के बाद 14 दिन के भीतर होगा पेमेंट:इसके अलावा 4 नवंबर के बाद जो भी दुग्ध उत्पादक आंचल को अपना दूध देगा, उसका पेमेंट अधिकतम 14 दिन के भीतर दुग्ध संघ करेगा. अगर दुग्ध संघ 14 दिन के भीतर पेमेंट नहीं करता है तो उसको पेमेंट करने के लिए सख्त निर्देश दिए जाएंगे.

उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार की ओर से 10 करोड़ रुपए रिवाल्विंग फंड के रूप में मिला है. जिन पैसों को दुग्ध संघ को दिया जा चुका है. ताकि, पैसे को रोटेट करते हुए 14 दिन के भीतर दुग्ध उत्पादकों को दूध का पेमेंट कर दिया जाए.

वहीं, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि आंचल के ब्रांड वैल्यू को बढ़ाने के लिए विभाग लगातार काम कर रहा है. इसके लिए तमाम मार्केटिंग एजेंसियों के साथ टेंडर भी किए गए हैं. शुरुआती दौर में विभाग का फोकस आंचल के प्रोडक्ट की क्वालिटी को लेकर था. लिहाजा, आज आंचल के प्रोडक्ट की क्वालिटी काफी ज्यादा बेहतर हो गई है.

उत्तराखंड का नंबर वन ब्रांड बनेगा आंचल:उन्होंने बताया कि पिछले ढाई साल के भीतर आंचल के तहत तमाम प्रोडक्ट्स को मार्केट में उतारा गया. लिहाजा, अब विभाग आंचल के ब्रांडिंग पर विशेष फोकस कर रहा है. ऐसे में आने वाले कुछ ही सालों में आंचल उत्तराखंड का नंबर वन ब्रांड बनकर उभरेगा.

आंचल प्रोडक्ट्स को लेकर 6 जिलों में लगेगा मेला:सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पहली बार आंचल विभाग की ओर से पहल किया जा रहा है. जिसके तहत दीपावली पर्व को लेकर प्रदेश के 6 जिलों में मेला लगाने जा रहे हैं. सभी जिलों में दो दिन का मेला लगाया जाएगा. ऐसे में विभाग की कोशिश यही रहेगी कि इन मेलों के जरिए ज्यादा से ज्यादा जनता को आंचल से जोड़ा जा सके.

साथ ही आंचल के सभी उत्पादों के बारे में जानकारी दी जा सके. इसके साथ ही आंचल के इस मेले में खाने-पीने की सारी व्यवस्था आंचल प्रोडक्ट्स की ही रहेगी. उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल 6 जिलों में ट्रायल बेसिस पर मेला लगाने जा रहे हैं. अगर ये ट्रायल सफल रहा तो अगले साल सभी जिलों में मेले का आयोजन किया जाएगा.

दुग्ध उत्पादकों के जिलेवार पेंडिंग धनराशि-

  • प्रदेश भर में दुग्ध उत्पादकों के 12 करोड़ 66 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • हरिद्वार जिले में दुग्ध उत्पादकों के एक करोड़ 10 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • चमोली जिले में दुग्ध उत्पादकों के 11 लाख रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • पौड़ीजिले में दुग्ध उत्पादकों के 21 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • रुद्रप्रयाग जिले में दुग्ध उत्पादकों के 4 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • उत्तरकाशी जिले में दुग्ध उत्पादकों के 5 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • देहरादून जिले में दुग्ध उत्पादकों के 2 करोड़ रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • अल्मोड़ा और बागेश्वर जिले में दुग्ध उत्पादकों के 2 करोड़ रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • चंपावत जिले में दुग्ध उत्पादकों के 2 करोड़ 60 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • पिथौरागढ़ जिले में दुग्ध उत्पादकों के 66 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • टिहरीजिले में दुग्ध उत्पादकों के 9 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • उधमसिंह नगर जिले में दुग्ध उत्पादकों के 3 करोड़ 80 लाख रुपए की धनराशि पेंडिंग है.

दुग्ध संघों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि के जिलेवार पेंडिंग की स्थिति-

  • प्रदेश भर में दुग्ध संघों के 5 करोड़ 89 लाख 92 हजार रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • नैनीताल जिले में दुग्ध संघों के 2 करोड़ 13 लाख 42 हजार रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • उधमसिंह नगरजिले में दुग्ध संघों के 1 करोड़ 23 लाख 47 हजार रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • अल्मोड़ा जिले में दुग्ध संघों के 39 लाख 95 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • बागेश्वरजिले में दुग्ध संघों के 3 लाख 18 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • पिथौरागढ़ जिले में दुग्ध संघों के 24 लाख 22 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • चंपावत जिले में दुग्ध संघों के 53 लाख 40 हजार रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • देहरादून जिले में दुग्ध संघों के 34 लाख 53 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • हरिद्वार जिले में दुग्ध संघों के 80 लाख 24 हजार रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • उत्तरकाशी जिले में दुग्ध संघों के 1 लाख 68 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • टिहरी जिले में दुग्ध संघों के 5 लाख 92 हजार रुपएकी धनराशि पेंडिंग है.
  • पौड़ी जिले में दुग्ध संघों के 7 लाख 22 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • रुद्रप्रयाग जिले में दुग्ध संघों के 86 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.
  • चमोलीजिले में दुग्ध संघों के 1 लाख 84 हजार रुपए की धनराशि पेंडिंग है.

चारधाम यात्रा रूट पर आंचल के लगे स्टॉल:पहली बार दुग्ध डेयरी विभाग ने चारधाम यात्रा रूट पर आंचल के स्टॉल लगाए थे. ताकि, देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं तक आंचल प्रोडक्ट को पहुंचाया जा सके. शुरुआती दौर में आंचल डेयरी की ओर से चारधाम यात्रा मार्गों पर 6 जगहों पर स्टॉल लगाया गया है. जिसका बेहतर रिस्पांस मिला है.

उन्होंने बताया कि सभी आंचल स्टॉल से रोजाना कम से कम 6 से 7 हजार रुपए की बिक्री हुई थी. इसके साथ ही आंचल के करीब एक करोड़ से ज्यादा टेट्रा पैक की बिक्री हुई है. अगले सीजन चारधाम यात्रा के दौरान इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है? इसके लिए प्लानिंग अभी से ही शुरू कर दी गई है.

ट्राउट फिश फार्मिंग को लेकर प्रोजेक्ट तैयार:15 अगस्त 2024 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने परेड ग्राउंड से मत्स्य पालन के क्षेत्र में 200 करोड़ रुपए के योजना की सौगात दी थी. जिस पर मत्स्य पालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि ट्राउट फिश को लेकर एक प्रोजेक्ट तैयार करके भेजा गया है. ताकि, किस तरीके से ट्राउट फिश की ब्रांडिंग मार्केटिंग और स्टोरेज समेत ट्राउट फार्मिंग को बढ़ाने के लिए काम कर सके.

जिस पर वित्त विभाग ने सहमति जता दी है. ऐसे में फंडिंग के लिए नाबार्ड को फाइल भेजी जाएगी. ऐसे में नाबार्ड से फंड अलॉट होने के बाद योजना को धरातल पर उतारा जाएगा. हालांकि, ट्राउट फार्मिंग प्रदेश के खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में पॉजिटिव चेंज ला रही है.

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Last Updated : Oct 21, 2024, 7:09 PM IST

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