देहरादून:राजधानी देहरादून में पिछले कुछ समय से पर्यावरण प्रेमियों की सतर्कता बेहद ज्यादा दिखने लगी है. स्थिति यह है कि पिछले करीब 2 महीने में ही तीन से ज्यादा प्रोजेक्ट में पेड़ों को काटे जाने की सूचना पर पर्यावरण प्रेमी कई बार सड़कों पर उतर आए हैं. खास बात यह है कि पर्यावरण प्रेमियों का इस तरह पेड़ों को बचाने के लिए सामने आने का परिणाम भी दिखाई दे रहा है और सरकार बैक फुट पर आने के लिए भी मजबूर हुई है.
इस बार मामला कैनल रोड का है जहां कई पेड़ों पर लाल निशान लगाए गए हैं. बताया गया कि सड़क के चौड़ीकरण को लेकर विचार किया जा रहा है और इसके लिए कई पेड़ों की बलि देने की भी तैयारी है. बस इसी सूचना पर तमाम पर्यावरण प्रेमी रविवार को इकट्ठे होकर फिर सरकार पर दबाव बनाने के लिए सामने आए.
देहरादून में कुछ समय पहले ही खलंगा के जंगल में स्थित साल के पेड़ों को पेयजल से जुड़ी परियोजना के लिए काटे जाने का प्लान था. इस क्षेत्र को चिन्हित भी कर लिया गया था और करीब 2000 पेड़ों को काटे जाने की योजना थी. पर्यावरण प्रेमियों को सूचना मिली तो उन्होंने फौरन इसका विरोध शुरू कर दिया. नतीजा यह रहा कि पर्यावरण प्रेमियों के इस विरोध के बाद सरकार को बैक फुट पर आना पड़ा. और इसके बाद पेयजल से जुड़ी इस परियोजना को किसी दूसरी जगह पर शिफ्ट करने पर सहमति भी बन गई.
सहस्त्रधारा रोड पर सड़क चौड़ीकरण के नाम पर भी लोगों ने विरोध किया. हालांकि, यहां पर पर्यावरण प्रेमियों का दबाव काम नहीं आया और बड़ी संख्या में सड़क के लिए पेड़ों को काट भी दिया गया.