राजकोट: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बड़े भाई प्रह्लाद मोदी ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने गुजरात में सरकारी राशन के दुकान संचालकों की हड़ताल को लेकर शनिवार को सरकार को घेरा और गंभीर आरोप लगाए.
राजकोट समेत गुजरात भर में सरकारी राशन के विक्रेताओं ने हड़ताल शुरू की है. उनकी मांग है कि 1 अक्टूबर से न्यूनतम 20 हजार रुपये का कमीशन के साथ 97 प्रतिशत वितरण नियम हटाया जाए. हड़ताली विक्रेताओं से तीन-तीन बार बातचीत विफल हो चुकी है.
इस बीच शनिवार को राजकोट आए प्रह्लाद मोदी ने कहा कि सरकार की वजह से गरीब अनाज से वंचित हैं. 20 हजार कमीशन देने का ही नियम है. व्यापारी 97 प्रतिशत अंगूठे के निशान से वितरण करते हैं. इसे बनाने वाली सरकारी एजेंसियां यह प्रमाण पत्र नहीं देतीं कि 100 प्रतिशत अंगूठा निशान लिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार यह प्रमाण पत्र दे कि 100 फीसदी फिंगरप्रिंट ले लिए गए हैं तो हम अब हड़ताल खत्म करने को तैयार हैं.
प्रह्लाद मोदी गुजरात फेयर प्राइस शॉप एंड केरोसिन होल्डर एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं. राज्य सरकार के साथ तीन असफल बैठकों के बाद अगले सोमवार को फिर सरकारी राशन दुकान व्यापारियों के संगठन के पदाधिकारियों को बातचीत के लिए बुलाया है.
प्रह्लाद मोदी ने साफ कहा कि अब वह बातचीत के लिए तभी जाना चाहते हैं, जब सरकार लिखित में बातचीत के लिए बुलाएगी. जब सरकार ने 100 प्रतिशत फिंगरप्रिंटिंग नहीं की है तो हम से 97 प्रतिशत की उम्मीद करना कितना वाजिब है. उन्होंने आने वाले दिनों में हड़ताल तेज करने की भी बात की.
गुजरात सरकार सस्ते अनाज के व्यापारियों को प्रति माह न्यूनतम 20 हजार रुपये का कमीशन दे रही है, इसलिए अधिकांश सस्ता अनाज विक्रेताओं के साथ गलत व्यवहार किया जा रहा है. राजकोट सहित राज्य भर के व्यापारी दुकान एवं केरोसिन होल्डर एसोसिएशन और ऑल गुजरात फेयर प्राइस शॉप एसोसिएशन ने परमिट नहीं बनाए और वितरण बंद नहीं करने का निर्णय लेते हुए 1 अक्टूबर से हड़ताल शुरू कर दी. शनिवार को हड़ताल लगातार पांच दिनों तक जारी रही.
यह भी पढ़ें- कश्मीरी पंडितों की भावुक करने वाली वापसी, 34 साल में पहली बार शोपियां मंदिर में पूजा की गई