नई दिल्ली: ईरान और इजराइल के बीच जारी संघर्ष ने पूरे मिडिल ईस्ट को बड़े युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. ईरान ने तो दावा किया है कि, उसने इजराइल को निशाना बनाकर 400 मिसाइलें दागीं. हालांकि, इजराइल का दावा है कि, ईरान ने 180 मिसाइलों से निशाना बनाया. खबर के मुताबिक ,इजराइल ने ईरान के ज्यादातर मिसाइल के इंटरसेप्ट को नष्ट कर दिया.
अगर भारत में इजराइल की तरह ही ताबड़तोड़ मिसाइल अटैक होता है तो हम क्या कर सकते हैं. ऐसे समय के लिए अपना देश कितना तैयार है. क्या इजराइल के आयरन डोम की तरह भारत का एयर डिफेंस सिस्टम मजबूत और ताकतवर है.
कितना तैयार है भारत?
यहां सवाल है कि, क्या भारत जंग जैसी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है, क्या हमारे देश का रक्षा कवच दुश्मनों के ताबड़तोड़ वार को झेल सकता है. आखिर भारत कितना तैयार है? इस पर एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने कहा कि, हमारे पास जो एयर डिफेंस सिस्टम है, जो हम खरीद रहे हैं, वे उसी तरह कॉमबिनेशन में वही काम कर सकते हैं जो इजराइल का आयरन डोम कर सकता है.
क्या बोले वायुसेना प्रमुख
वायुसेना प्रमुख ने हथियारों और अन्य प्रणालियों में भारत के आत्मनिर्भर बनने के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि भविष्य की सुरक्षा चुनौतियों का सामना करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि, कुल मिलाकर, भारतीय वायुसेना के पास एक विजन है. 2027 तक, भारत के पास पूरी सूची या तो भारत में निर्मित होनी चाहिए या भारत में विकसित और उत्पादित होनी चाहिए.
मिसाइल अटैक से ऐसे निपटना होगा
उन्होंने कहा कि, किसी संघर्ष की स्थिति में जब एक दिन में 200 से 300 मिसाइलें दागी जाती हैं, तो आपको उन्हें भारत में ही बनाना होगा. आप उन्हें बाहर से खरीदने का जोखिम नहीं उठा सकते. उनकी यह टिप्पणी तब आई जब उनसे कुछ दिन पहले ईरान द्वारा इजराइल में 200 से अधिक मिसाइलें दागे जाने के बारे में पूछा गया. उन्होंने रूस-यूक्रेन युद्ध का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि, हमारे पास ऐसे घटक हैं जो इन क्षेत्रों से आते हैं. इसलिए उन उपकरणों को बनाए रखना एक चुनौती है.
भारत के पास एयर डिफेंस सिस्टम कितने कारगर
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि, भारत के पास जो भी नए एयर डिफेंस वेपन सिस्टम होंगे वह काफी सक्षम होंगे. हालांकि, एयर चीफ ने कहा कि, जंग जैसे हालातों से निपटने और खुद को प्रोटेक्ट करने के लिए हमें हथियारों के नंबर अधिक चाहिए होंगे.
तेजस प्रोग्राम पर क्या बोले एयर चीफ मार्शल
तेजस प्रोग्राम पर एयर चीफ मार्शल ने कहा कि, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को वादे के मुताबिक 24 विमान बनाने चाहिए. एक सवाल के जवाब में एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि, रूस ने एस-400 मिसाइल सिस्टम की तीन यूनिट की आपूर्ति की है और उसने अगले साल तक बाकी दो यूनिट की आपूर्ति करने का वादा किया है। उन्होंने कहा कि वायुसेना सतह से हवा में मार करने वाले निर्देशित हथियारों सहित ढेर सारे हथियार सिस्टम खरीद रही है.
वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने कहा कि भारतीय वायुसेना 2047 तक अपने सभी हथियारों का उत्पादन भारत में ही करने की योजना बना रही है. वायुसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि, चीन एलएसी पर तेजी से बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है, खासकर लद्दाख सेक्टर में और भारत भी इसकी बराबरी करने की कोशिश कर रहा है.
स्वदेशी हथियार प्रणाली का होना महत्वपूर्ण
विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में भू-राजनीतिक तनावों और संघर्षों पर चर्चा करते हुए वायुसेना प्रमुख ने कहा कि भविष्य की किसी भी सुरक्षा चुनौती से निपटने के लिए स्वदेशी हथियार प्रणाली का होना महत्वपूर्ण है. एक सवाल के जवाब में एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि रूस ने एस-400 मिसाइल प्रणाली की तीन इकाइयां वितरित की हैं और उसने अगले साल तक शेष दो इकाइयां वितरित करने का वादा किया है.
क्या यह सिर्फ ईरान और इजराइल के बीच तनाव है?
वैसे देखा जाए तो शुरूआत में सबको लग रहा था कि लड़ाई सिर्फ इजराइल और ईरान के बीच हो रही है. हालांकि ऐसा नहीं है, सच्चाई कुछ और ही है. इजरायल, ईरान, लेबनान, इराक, यमन, सीरिया, गाजा, वेस्ट बैंक और जॉर्डन तक इस वक्त युद्ध की आग में झुलसते जा रहे हैं. यहां इजरायल को ईरान, हमास, हूती समेत ईरान समर्थक दूसरे गुटों से एक साथ लड़ना पड़ रहा है. ईरान ने जब मंगलवार रात 180 मिसाइल एक साथ इजरायल पर दागीं तो साफ हो गया कि इजरायल भी करारा जवाब देगा. लेकिन कब कहां, कैसे और कितने सेकेंड के अंदर, इसी पर दुनिया की नजर लगी हुई है.
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