हल्द्वानी: शहर की महत्वाकांक्षी योजना रिंग रोड एक बार फिर से ठंडे बस्ते में जाती नजर आ रही है. लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार और एडीएम पिंचाराम चौहान ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसी बीच अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि डीएम के साथ बैठक करके विचार- विमर्श किया गया है कि रिंग रोड का अब नए सिरे से सर्वे किया जाएगा.
रिंग रोड बनाने के लिए नए विकल्प की तलाश: लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार ने बताया कि रिंग रोड बनाने के लिए नए विकल्प और साइड को तलाशा जाएगा, जिससे स्थानीय किसानों और लोगों को कम से कम नुकसान हो. शहर के चारों ओर करीब 45 किलोमीटर का रिंग रोड प्रस्तावित है. पहले और दूसरे चरण में सबसे अधिक किसानों की भूमि और भवन जद में आ रहे हैं. उन्होंने बताया कि पूर्व में प्रस्तावित रोड की चौड़ाई सर्विस रोड सहित 45 मीटर रखी गई थी, जो अब घटाकर 30 मीटर रखी गई है. नए सिरे से सर्वे रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जाएगाी. इसके बाद रिंग रोड के लिए आगे की कार्रवाई की जाएगी.
2018 में त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की थी घोषणा: बता दें कि वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हल्द्वानी दौरे पर रिंग रोड की घोषणा की थी. 6 साल बाद रिंग रोड परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए भूमि का सर्वे कार्य भी पूरा कर लिया गया. लोक निर्माण विभाग और राजस्व विभाग भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू करने जा रहा था. इसी बीच स्थानीय काश्तकारों और अन्य लोगों ने रिंग रोड का विरोध शुरू कर दिया, क्योंकि उनकी भूमि रिंग रोड की जद में आ रही थी.
180 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई: इस संबंध में 180 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है. साथ ही सांसद अजय भट्ट और कालाढूंगी विधायक बंशीधर भगत ने भी रिंग रोड को लेकर लिखित आपत्ति दर्ज कराई है. आपत्ति में कहा गया है कि लोगों के जन भावनाओं और लोगों की कम से कम नुकसान हो, इसको देखते हुए रिंग रोड बनाने के लिए कोई अन्य विकल्प नई साइड तलाशी जाए.
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