लखनऊ : बिजली विभाग के अजब गजब कारनामे हैं. एक उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन लेने के लिए पिछले 10 साल से उपकेंद्र के चक्कर लगा रहा है, लेकिन बिजली विभाग की तरफ से हर बार यह बता दिया जा रहा है कि पहले से कनेक्शन होने के चलते दूसरा नहीं दिया जा सकता. खास बात ये है कि विभाग ने अब नवंबर 2020 तक का उपभोक्ता को 34,670 रुपए का बिल भी जारी कर दिया है. उपभोक्ता का आरोप है कि शिविर में कनेक्शन के लिए अप्लाई करने पर धनराशि लेने के बाद कंप्यूटर में फीड कर दिया गया. लेकिन कनेक्शन नहीं अभी तक नहीं मिला. 'ईटीवी भारत' ने उस घर का भी दौरा कर जानने की कोशिश की कि हकीकत क्या है, तो सामने आया कि वाकई उस घर में कभी कनेक्शन हुआ ही नहीं. अब मामले की जांच शुरू हुई है.
जीएसआई उपकेंद्र के अंतर्गत मोहिबुल्लापुर निवासी सुनील कुमार ने लखनऊ विद्युत संपूर्ति प्रशासन यानी लेसा की तरफ से आयोजित शिविर में कनेक्शन के लिए अप्लाई किया था. यह बात साल 2014 के अगस्त माह की है और अब 2024 भी आधा बीत चुका है. लेकिन, इन 10 वर्षों में सैकड़ों बार उपकेंद्र के चक्कर लगाने के बावजूद सुनील कुमार को कनेक्शन नहीं मिल पाया. सर्दी, गर्मी, बरसात और दिन रात इस पूरे परिवार को अंधेरे में ही गुजर बसर करनी पड़ रही है. आरोप है कि विभाग के अधिकारी बार-बार सुनील कुमार को यह कहकर टरका देते हैं कि तुम्हारे पते पर पहले से ही कनेक्शन हो चुका है और 10 साल से चल रहा है.
सुनील कुमार के घर पर 'ईटीवी भारत' की टीम पहुंची तो सौर ऊर्जा की रोशनी से किसी तरह घर में दो बल्ब जलते हुए मिले. बिजली का खंभा इस घर से थोड़ी ही दूर पर लगा हुआ है. तमाम कनेक्शन भी उस खंभे से दिए गए हैं, लेकिन इस घर को विभाग ने आज तक कनेक्शन देने की जहमत नहीं उठाई. सुनील कुमार और उनकी पत्नी प्रभादेवी की बेटी अंकिता आठ साल से 18 साल की हो गई, लेकिन अपने घर में बिजली की रोशनी से अब तक महरूम है.
2000 रुपए की कटी थी रसीद :बताया जा रहा है कि लेसा ने साल 2014 में कनेक्शन के लिए लखनऊ के सभी उपकेंद्रों पर शिविर लगाए थे. शिविर में पति सुनील कुमार ने भी अपने घर के लिए 25 अगस्त को कनेक्शन का आवेदन किया था. बाकायदा विभाग ने रसीद काट कर दी और कनेक्शन के एवज में 2000 रुपए भी जमा कराए. सुनील कुमार ने पैसे जमा कर दिए, विभाग ने संयोजन तिथि भी 25 अगस्त ही कंप्यूटर में फीड कर लिया और कनेक्शन दिया ही नहीं. उपभोक्ता के 2000 रुपए भी डूब गए.