कुल्लू: मनाली के साथ लगते पर्यटन स्थल सोलंगनाला में अब तंबुओं में पर्यटन कारोबार करने वालों को व्यवस्थित बाजार में बसाया जाएगा. सोलंगनाला में वन और पर्यटन विभाग के संयुक्त प्रोजेक्ट के तहत एक ईको फ्रेंडली मार्केट बनाने की योजना तैयार की गई है जो अब जल्द ही सिरे चढ़ेगी.
वन और पर्यटन विभाग द्वारा सोलंगनाला में ढाई करोड़ रुपये की लागत से एक ईको फ्रेंडली मार्केट बनाने की योजना पर काम चल रहा है. इसमें 32 दुकानें बनाई जाएंगी जो स्थानीय व्यापारियों को आवंटित की जाएंगी.
इस साल नवम्बर महीने तक यह मार्केट तैयार हो जाएगी. उसके बाद यहां पर्यटन कारोबारियों को जगह मुहैया करवाकर कारोबार करने की अनुमति दी जाएगी. यह मार्केट मनाली-रोहतांग मार्ग में मढ़ी के पास बनाई गई ईको फ्रेंडली मार्केट की तर्ज पर तैयार की जाएगी.
इस मार्केट के बनने के बाद क्षेत्र में अव्यवस्थित रूप में प्लास्टिक की तिरपाल के तंबू लगाकर लोगों को काम नहीं करने दिया जाएगा ताकि क्षेत्र के वातावरण और पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान ना हो.
लिहाजा यहां 2.5 करोड़ रुपये की लागत से ईको फ्रेंडली मार्केट बनाने की तैयारी चल रही है. गौरतलब है कि अभी इस क्षेत्र में पर्यटन कारोबार रेगुलेटिड तौर पर काम नहीं कर रहा. सोलंगनाला में खाली स्थानों पर तिरपाल के तंबू लगाकर कारोबार किया जा रहा है जिससे यहां की सुंदरता खराब हो रही है. हालांकि कारोबारियों को तो फायदा पहुंच रहा है लेकिन सरकार को किसी तरह का रेवेन्यू नहीं मिल रहा.
पर्यटन स्थलों पर पर्यटन गतिविधियों के बढ़ने से पर्यावरण व वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हाईकोर्ट ने भी निर्देश जारी किए हैं. एनजीटी भी अव्यवस्थित तरीके से पर्यटन स्थलों में चल रहे कारोबार को लेकर कई बार तल्ख हो चुका है. मनाली के रोहतांग दर्रा के लिए डीजल और पेट्रोल के वाहनों को 1200 रुपये प्रतिदिन परमिट जारी करना भी एनजीटी का ही फैसला है.
एंजल चौहान डीएफओ कुल्लू ने कहा"इस साल नवंबर महीने तक सोलंगनाला में इको फ्रेंडली मार्केट तैयार होगी और तंबुओं में कारोबार करने वालों को इसमें शिफ्ट किया जाएगा ताकि लोग व्यवस्थित रूप से कारोबार कर सकें और पर्यावरण के नुकसान को कम किया जा सके."
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