जोधपुर :शून्यकाल में नियम 295 के तहत विधानसभा में सोमवार को हवा महल विधायक बालमुकुंदाचार्य ने जयपुर सहित प्रदेश के कई इलाकों में मौजूद बांग्लादेशी रोहिंग्या घुसपेठियों को वापस भेजने का मुद्दा उठाया. वहीं, शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने पश्चिमी राजस्थान में सौर उर्जा प्लांट लगाने वाली कंपनियों द्वारा किसानों को जमीनों का कम मूल्य देने का मामला उठाया. शून्यकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सदन में कोई अधिकारी नहीं होने पर सरकार को घेरने का प्रयास किया. इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने संसदीय मंत्री से कहा कि हमारी बात होने के बावजूद ऐसा क्यों है ? संसदीय मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा, "हमें प्रश्नकाल तक ही अधिकारी मौजूद रखने का पता था, लेकिन आगे से ऐसा नहीं होगा."
रविंद्र सिंह भाटी ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान में निकल रही हाईटेंशन लाइन के लिए मुआवजा पूरा नहीं मिल रहा है. यहां किसानों के साथ कुठाराघात हो रहा है. कंपनियों के लिए जो जमीन चाहिए, उनके लिए एक टुकड़ा होगा, लेकिन अन्नदाता के लिए वह जीवनदायिनी होती है. जिन किसानों के पास पांच से सात बीघा जमीन है, उसमें अगर एक पोल लग जाता है तो वह खेती नहीं कर सकते हैं. जो किसान जमीन देने के लिए सहमत नहीं होते, उन्हें पुलिस प्रशासन द्वारा डराया-धमकाया जा रहा है, जो कि सही नहीं है. भाटी ने कहा कि मुआवजे के लिए जो नियम बनाए गए हैं, उनमें बदलाव किया जाए. विकास के नाम पर किसान के साथ अनैतिक घटनाएं हो रही हैं, जो चिंताजनक हैं. भाटी ने सरकार से आशा जताई कि वह किसानों के हित में फैसला लेगी. शून्यकाल में सरकार की ओर से मंत्रियों ने प्रतिवेदन प्रस्तुत किए.
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रोहिंग्या को वापस भेजे सरकार: विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि कुछ दलालों ने दस्तावेज बनाकर प्रदेश के लोगों का हक खा रहे हैं. प्रदेश में रह रहे विशेष समुदाय के कुछ लोग अवैध रूप से दस्तावेज बना रहे हैं. साथ ही इनके द्वारा चोरी, हत्या जैसे अपराध हो रहे हैं. ये लोग खाली भूखंडों में रहने लगे हैं. ऐसे में इन घुसपैठियों को वापस भेजा जाए और इनका साथ देने वाले दलालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.
जयपुरिया अस्पताल में स्टाफ की कमी: वरिष्ठ विधायक कालिचरण सर्राफ ने जयपुरिया अस्पताल में मरीजों की संख्या के अनुपात में डॉक्टरों और पैरा-मेडिकल स्टाफ की कमी का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि पूर्व में यहां अधिशेष डॉक्टरों को हटा दिया गया था, जिसके बाद से हालात खराब हो गए हैं. वहां लगातार सुविधाओं का विस्तार हो रहा है, लेकिन चिकित्सकीय स्टाफ की कमी के कारण लोगों को उचित सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं.