नई दिल्ली:दिल्ली सरकार के 12 कॉलेजों में शिक्षकों की स्थायी नियुक्ति ना होने से एडहॉक टीचर्स में रोष पनपता जा रहा है. दिल्ली सरकार के सिर्फ चार कॉलेजों ने सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति के विज्ञापन निकाले हैं. जिनमें दीनदयाल उपाध्याय कॉलेज, आचार्य नरेंद्र देव कॉलेज, भाष्कराचार्य कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस व अदिति महाविद्यालय ने अपने यहाँ सहायक प्रोफेसर के पदों के विज्ञापन निकाले हैं. बाकी 8 कॉलेजों में भी तक शिक्षकों के पदों को भरने संबंधी विज्ञापन ना निकाले जाने के कारण वहां पढ़ा रहे एडहॉक टीचर्स में गहरा रोष व्याप्त है. उनका कहना है कि वे पिछले एक दशक से पढ़ा रहे हैं और दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकांश कॉलेजों में 80 फीसदी शिक्षकों के पद भरे जा चुके हैं लेकिन दिल्ली सरकार ने अभी तक अपने यहां स्थायी सहायक प्रोफेसर के पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू नहीं की है.
फोरम ऑफ एकेडेमिक्स फॉर सोशल जस्टिस ने दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर योगेश सिंह को पत्र लिखकर मांग की है कि दिल्ली सरकार से पूर्ण वित्त पोषित 12 कॉलेजों में भी सहायक प्रोफेसर के पदों पर जल्द से जल्द स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कराएं ताकि विश्वविद्यालय से एडहॉकइज्म (तदर्थवाद) समाप्त हो और इन कॉलेजों के शिक्षकों में भी स्थायित्व हो.
इन 8 कॉलेज ने नहीं निकाले हैं विज्ञापन
- भीमराव अंबेडकर कॉलेज
- महाराजा अग्रसेन कॉलेज
- महर्षि वाल्मीकि कॉलेज ऑफ एजुकेशन
- केशव महाविद्यालय
- भगिनी निवेदिता कॉलेज
- इंदिरा गांधी फिजिकल एजुकेशन एंड साइंस कॉलेज
- शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्ट्डीज
- शहीद राजगुरू कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंस कॉलेज