राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

डॉ प्रियांशु माथुर को मास्टर्स इन न्यूरो मेटाबॉलिज्म एंड सेल बायोलॉजी की डिग्री, ऐसा करने वाले विश्व के 40 डॉक्टर्स में से एक - Doctor got prestigious degree

जेके लोन अस्पातल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और अस्पताल के नोडल सेंटर फॉर रेयर डिजीज के इंचार्ज डॉ प्रियांशु माथुर ने यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना से मास्टर्स इन न्यूरो मेटाबॉलिज्म एंड सेल बायोलॉजी की डिग्री हासिल की है.

Dr Priyanshu Mathur
डॉ प्रियांशु माथुर (ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 10, 2024, 5:37 PM IST

जयपुर:जेके लोन अस्पताल के वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ और हॉस्पिटल के नोडल सेंटर फॉर रेयर डिजीज के इंचार्ज डॉक्टर प्रियांशु माथुर ने राजस्थान का मान बढ़ाया है. दरअसल डॉ प्रियांशु माथुर ने यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना से मास्टर्स इन न्यूरो मेटाबॉलिज्म एंड सेल बायोलॉजी की डिग्री हासिल की है. वे ऐसा करने वाले विश्व के 40 चिकित्सकों में शुमार हो गए हैं.

यह डिग्री कोर्स 2 वर्ष का होता है और पूरी दुनिया में यह सिर्फ यूनिवर्सिटी ऑफ बार्सिलोना में ही संचालित किया जाता है. खास बात यह है कि ये डिग्री हासिल करने वाले डॉ प्रियांशु माथुर पूरी दुनिया के 40 डॉक्टर्स में से एक हैं. डॉक्टर प्रियांशु माथुर का कहना है कि न्यूरोमेटाबॉलिक विकार एक तरह की आनुवांशिक बीमारियां होती है, जो मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करती है. ये बीमारियां शरीर के अंदर होने वाली रासायनिक प्रक्रियाओं (मेटाबॉलिज्म) में गड़बड़ी के कारण होती हैं. जब इन प्रक्रियाओं में कोई समस्या होती है, तो मस्तिष्क में कुछ खास पदार्थ या तो ज्यादा बनने लगते हैं या फिर उनकी कमी हो जाती है, जिससे मस्तिष्क सही तरीके से काम नहीं कर पाता.

पढ़ें:National Doctors Day: एसएमएस अस्पताल के डॉ. जीवन अब तक कर चुके 24 हजार से अधिक सर्जरी...गिनीज बुक में भी दर्ज है नाम

न्यूरोमेटाबॉलिक विकार क्या है?: डॉक्टर प्रियांशु माथुर का कहना है कि ब्यूरो मेटाबॉलिक के लक्षण अक्सर बचपन में ही दिखाई देने लगते हैं, जैसे बच्चे का विकास धीमा होना, बोलने या चलने में देरी, बार-बार दौरे पड़ना या समझने की क्षमता में कमी आना. जैसे-जैसे समय बीतता है, इन लक्षणों में और भी गिरावट आ सकती है. इन बीमारियों की पहचान करने के लिए डॉक्टर खून और मूत्र के परीक्षण, मस्तिष्क की स्कैनिंग (जैसे एमआरआई) और कभी-कभी जेनेटिक टेस्ट का उपयोग करते हैं.

ABOUT THE AUTHOR

...view details