रामपुर बुशहर:हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रामपुर में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. जिसका जायजा लेने राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी आज शाम रामपुर के समेज पहुंचे. जहां उन्होंने बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र का जायजा लिया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने जिला प्रशासन को जल्द से जल्द प्रभावित क्षेत्र में बिजली, पानी और सड़क सहित सभी मूलभूत सुविधाएं दुरुस्त के निर्देश दिए.
वहीं, उन्होंने प्रभावित परिवारों से मिलकर उनका हौंसला बढ़ाया और प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने का आश्वासन दिया. इस दौरान 7वें राज्य वित्त आयोग के अध्यक्ष एवं विधायक रामपुर नंद लाल, उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे.
बता दें कि 31 जुलाई देर रात रामपुर के झाकड़ी क्षेत्र से सटे समेज खड्ड में बादल फटने से आई आपदा में 36 लोग लापता हो गए. जिला प्रशासन ने इन लोगों को रेस्क्यू करने के लिए आज सुबह साढ़े पांच बजे से बचाव कार्य आरंभ कर दिया. उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी सुबह ही मौके पर पहुंचे. इस दौरान उपायुक्त ने बचाव कार्यों की निगरानी की.
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा, "जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, जिला प्रशासन, पुलिस सहित सभी विभाग एक जुट होकर बचाव कार्य में लगे हुए है. करीब 85 किलोमीटर तक के क्षेत्र में बचाव कार्य को किया जाना है. इस बचाव कार्य को लेकर प्रभावित क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा गया है. 36 लोग लापता हैं, इनमें से तीन लोग कुल्लू क्षेत्र से संबध रखते है. जबकि 33 शिमला क्षेत्र में रह रहे थे. कुछ हिस्से की निगरानी एसडीएम कुमार सैन कर रहे हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आर्मी, सीआईएसएफ, आईटीबीपी, पुलिस, होमगार्ड और अग्निशमन दल को बचाव कार्य टीम में शामिल किया गया है".
पुलिस को प्राथमिक सूचना मिलने के बाद जिला प्रशासन ने राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल एसडीआरएफ, पुलिस, होम गार्ड अग्निशमन दल की टीम बनाकर मौके के लिए रवाना किया. लेकिन घटना स्थल पर पहुंचना काफी चुनौती भरा था. घटना स्थल तक जाने वाली सड़क दोनों तरफ टूट चुकी थी. ऐसे में बचाव दल दो किलोमीटर पैदल चलकर घटना स्थल पर पहुंचा. देर रात को समेज में भारी बारिश और बादल फटने से कई घर बह गए. सुबह से ही बचाव कार्य शुरू कर किए गए. बचाव कार्य में लगी टीम को अलग-अलग स्थानों पर ठहराया गया है, इसमें कुछ स्थानीय युवक मंडल और लोग भी मदद कर रहे हैं.
एडीसी को डिप्टी इंसीडेंट कमांडर किया नियुक्त:उपायुक्त ने अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा को डिप्टी इंसीडेंट कमांडर नियुक्त किया है, जो सुन्नी कोलडैम में ही तैनात किए गए हैं. इसके साथ ही आपदा में लापता लोगों को कोलडैम में ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन की निगरानी करेंगे. वीरवार को दिन भर सर्च ऑपरेशन चलाया गया, लेकिन कोई रेस्क्यू नहीं हो पाया.
समेज में बादल फटने से लेकर अब तक का अपडेट
- 31 जुलाई देर रात 12ः15 बजे बादल फटने की घटना.
- झाकड़ी पुलिस स्टेशन में सुबह सवा तीन बजे के करीब पंचायत उप प्रधान ने घटना की सूचना दी.
- हेड कांस्टेबल संजीव की अगुवाई में पुलिस की टीम घटना स्थल के लिए साढ़े तीन बजे रवाना हुई.
- करीब पौने चार बजे ग्रीनको कंपनी की ओर से एसडीएम रामपुर निशांत तोमर को सूचना मिली.
- चार बजे एसडीएम ने एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पैरामिलिटरी फोर्स और पुलिस से संपर्क कर लिया गया था.
- करीब पांच बजे एसडीएम रामपुर अपनी टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हुए.
- सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर एसडीएम घटनास्थल पर पहुंचे.
- खड्ड के दूसरी तरफ 10 लोग फंसे हुए थे, जिन्हें रेस्क्यू करने में करीब चार घंटे लगे.
- सुबह 7 बजे के करीब सभी बचाव दल घटना स्थल पहुंचे.
- सुबह सवा दस बजे के करीब उपायुक्त अनुपम कश्यप और पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी घटना स्थल पर पहुंचे.
- सुबह साढ़े दस बजे तक सभी लोगों को रेस्कयू कर लिया गया.
- दोपहर करीब 12 बजे रेस्क्यू अभियान के दौरान दो लोगों का शव मिला.
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एक पल भी नहीं सोए प्रत्यक्षदर्शी:ग्रीनको प्रोजेक्ट में रात्रि डयूटी के दौरान तीन कर्मी थे. इनमें सुरक्षा कर्मी पूर्ण, इंजीनियर पदम और इलेक्ट्रिशियन हितेष शामिल थे. जब रात को बादल फटा तो तीनों ने इसकी सूचना प्रोजेक्ट के आला प्रबंधन को दी. तीनों यहां से निकलना चाहते थे, लेकिन बाहर पानी अधिक होने के कारण वह अंदर ही फंस गए थे. सुबह सात बजे ये तीनों यहां से रेस्क्यू किए गए. पूर्ण ने बताया कि जब अचानक पानी खड्ड में बढ़ गया तो हमने बाहर जाने की कोशिश करनी चाही, लेकिन तीनों ने फिर फैसला लिया कि टनल के अंदर ही रूक कर सुबह तक का इंतजार करें. रात को बिजली भी नहीं थी, ऐसे में गांव के बारे में अंदाजा नहीं लगाया जा रहा था. ये रात हमारे लिए भयानक रात थी. हम पूरी रात जागते रहे और एक पल के लिए भी नहीं सोये.
प्रभावित क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा:आपदा प्रभावित क्षेत्र में बचाव कार्य चलाने के लिए जिला प्रशासन ने क्षेत्र को छह हिस्सों में बांटा है. पहले हिस्से में एनडीआरएफ की टीम, दूसरे हिस्से में भारतीय सेना, तीसरे में सीआईएसएफ, चौथे में आईटीबीपी, पांचवें और छठे हिस्से में पुलिस, होम गार्ड और त्वरित कार्रवाई दल की तैनाती की गई है.