सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर में लगातार बढ़ रहे डेंगू के मामलों ने डॉक्टर्स की नींद उड़ाकर रख दी है. इस सीजन में अब तक जिले में रिकॉर्ड केस 1300 के पार पहुंच चुके हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रहा है, लेकिन जिले के अस्तपालों, खासकर मेडिकल कॉलेज नाहन में डेंगू से पीड़ित मरीजों के आने का सिलसिला जारी है. बता दें कि जिला मुख्यालय नाहन शहर में डेंगू का डंक तेजी से फैला है. खासतौर पर शहर का अमरपुर मोहल्ला, जहां से डेंगू के अधिकतर मरीज सामने आ रहे हैं. विभाग लगातार इस दिशा में लोगों को जागरूक भी कर रहा है, लेकिन डेंगू के बढ़ते मामलों ने विभाग की अच्छी खासी कसरत करवा रखी है.
पिछले 2 सालों के मुकाबले ज्यादा मामले
सिरमौर जिले में पिछले दो सालों में इस बार ज्यादा मामले डेंगू के दर्ज किए जा रहे हैं. सीएमओ सिरमौर डॉ. पाठक ने बताया कि आमतौर पर डेंगू जुलाई से नवंबर माह के बीच में तेजी से फैलता है. जिले में इस सीजन में अभी तक 1322 मामले डेंगू के दर्ज किए जा चुके हैं. जबकि पिछले दो सालों के आंकड़ों पर नज़र दौड़ाएं तो जिला सिरमौर में साल 2022 में 852 मामले और साल 2023 में 1044 डेंगू के मामले दर्ज हुए थे. वहीं, इस बार ये आंकड़ा अब तक 1300 को पार कर चुका है और डेंगू के मरीजों के आने का सिलसिला फिलहाल अभी जारी है. जिस तरीके से जिले में डेंगू के मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है, उससे अनुमान लगाया जा रही है कि जल्द ही मरीजों का आंकड़ा 2000 को भी पार कर सकता है.
साल | डेंगू के मामले |
2022 | 852 |
2023 | 1044 |
'अभी तक कोई भी मरीज नहीं सीरियस'
सीएमओ सिरमौर डॉ. अजय पाठक ने बताया, "इस साल अभी तक जिला में डेंगू के 1322 मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन इसमें घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि अभी तक जितने भी मरीज आए हैं, उनमें किसी भी मरीज को कोई भी सीरियस बीमारी नहीं है. ज्यादातर मरीज ओपीडी से ही दवाई खा रहे हैं. कुछ मरीज एडमिट भी हैं. राहत की बात ये है कि जिले में अभी तक किसी भी मरीज की मृत्यु डेंगू के कारण नहीं हुई है."
बीमारी की रोकथाम के लिए 20 टीमें दे रही घरों में दस्तक
डॉ. पाठक ने बताया कि सिरमौर जिले में डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सजग है. चूंकि अधिकतर मामले नाहन शहर से सामने आ रहे हैं, तो शहर में सप्ताह में एक बार ड्राई दे करवा रहे हैं. इसके तरह पहले एक रैली का आयोजन किया जाता है और फिर विभाग द्वारा बनाई गई 20 टीमें लोगों के घर जा-जाकर जागरूक कर रही हैं. साथ ही ये भी चेक कर रही हैं कि अगर कहीं कई दिनों तक पानी स्टोर हो रहा है, तो उसे खाली भी करवा रही है. उन्होंने कहा कि जब तक लोग खुद को बचाने के लिए आगे नहीं आएंगे, तब तक बीमारी को रोकने के प्रयास अधूरे ही रहेंगे. डेंगू एक ऐसी बीमारी है, जिससे बड़े आराम से बचा जा सकता है. बस कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है.
दर्द नाशक दवाएं लेने से बचें
सीएमओ डॉ. पाठक ने कहा, "अगर किसी को डेंगू होता है तो घबराए नहीं. यदि इस मौसम में बुखार है और टेस्ट नहीं करवाया है, चाहे डेंगू है या नहीं है, केवल पैरासिटामोल का प्रयोग करें. दर्द नाशक दवाओं का प्रयोग बुखार उतारने के लिए न करें. चूंकि यदि प्लेटनेस की कमी है, तो इससे नुकसान भी हो सकता है. इस दिशा में लोग सहयोग करें और विभाग जिले में इस बीमारी पर काबू कर लेगा."