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आरएसआर लागू करने की मांग: चिकित्सक शिक्षकों ने धरना स्थल पर शुरू की ओपीडी - Medical teachers on strike

राजमेस सोसायटी द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेजों के पुराने चिकित्सक शिक्षकों पर राजस्थान सर्विस रूल्स (आरएसआर) लागू करने की मांग जोर पकड़ रही है. इन शिक्षकों ने शुक्रवार को बाड़मेर में सद्बुद्धि यज्ञ किया और धरना दिया. धरनास्थल पर मरीजों का इलाज किया.

Medical teachers on strike
चिकित्सक शिक्षकों ने धरना स्थल पर शुरू की ओपीडी (PHOTO ETV Bharat Barmer)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 26, 2024, 6:29 PM IST

चिकित्सक शिक्षकों ने धरना स्थल पर शुरू की ओपीडी (ETV Bharat Barmer)

बाड़मेर. राजमेस सोसायटी की ओर से राज्य में संचालित मेडिकल कॉलेजों के चिकित्सक शिक्षक राजस्थान सर्विस रूल्स (आरएसआर) लागू करने की मांग को लेकर बीते 5 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं. इसी के तहत शुक्रवार को बाड़मेर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सक शिक्षकों ने सद्बुद्धि यज्ञ व प्रदर्शन किया. दूसरी ओर चिकित्सकों ने धरना स्थल पर ही ओपीडी शुरू करके मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की.

चिकित्सकों का कहना है कि हमारा विरोध सरकार की भेदभाव नीति के विरुद्ध है न कि मरीजों के प्रति. मरीजों से हमें पूरी सहानुभूति है, इसलिए हम यहां हड़ताल के साथ साथ ओपीडी शुरू की है. डॉ गिरीश ने बताया कि राजस्थान चिकित्सा शिक्षा सोसायटी (राजमेस) में वर्तमान में कार्यरत चिकित्सक शिक्षकों पर आरएसएम लागू नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि इतने सालों से हमने अपनी मेहनत से मेडिकल कॉलेज को यहां तक पहुंचाया है और हमें ही आरएसआर नियमों से बाहर रखा जा रहा है. हम भेदभाव का विरोध कर रहे है. हमारी मांग है कि आरएसएम सभी चिकित्सक शिक्षकों पर लागू किया जाए. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते हैं कि इस हड़ताल से मरीजों का किसी तरह का अहित हो. इसलिए हमने यहां ओपीडी शुरू की है, ताकि दूर दराज से आने वाले मरीजों को दिक्कत न हो.

पढ़ें: राजमेस के चिकित्सक शिक्षकों का कार्य बहिष्कार जारी, RSR नियम लागू करने की कर रहे मांग

डॉ खेताराम ने कहा कि जिस तरह घर के बुजुर्गों को दरकिनार नहीं किया जा सकता है. उसी प्रकार हम मेडिकल कॉलेज में सालों से काम कर रहे हैं, लेकिन नए लगने वाले चिकित्सकों पर आरएसआर लागू किया जा रहा है. इसे हमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन हमारी मांग है कि हमें दरकिनार नहीं किया जाए. उन्होंने कहा कि मरीजों को देखना हमारा काम है, इसलिए यहां ओपीडी लगाकर उन्हें देख रहे हैं.

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