नई दिल्ली:दिल्ली पुलिस ने दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट के लिए ट्विटर उपयोगकर्ता के खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है. सोशल मीडिया उपयोगकर्ता के साथ एक ऑनलाइन विवाद के बाद जुबैर के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत ने पिछले साल मई में शहर की पुलिस से कहा था कि वह उन्हें स्पष्ट रूप से दूसरे पक्ष के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में सूचित करें.
अपनी स्टेटस रिपोर्ट में दिल्ली पुलिस ने कहा कि ट्विटर उपयोगकर्ता के ट्वीट ने जनता या जनता के किसी भी वर्ग में भय या चिंता पैदा नहीं की. न ही किसी व्यक्ति को किसी राज्य के खिलाफ सार्वजनिक शांति के खिलाफ अपराध करने के लिए प्रेरित किया. जांच एजेंसी ने कहा कि उसने टिप्पणी लिखने के पीछे उसके इरादे और उद्देश्य के बारे में पूछताछ करने के लिए उपयोगकर्ता की जांच की. उपरोक्त के मद्देनजर शिकायतकर्ता (ट्विटर उपयोगकर्ता) के खिलाफ शीर्षक वाले ट्वीट के संबंध में कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है.
दरअसल, साल 2020 में दिल्ली पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बच्ची को कथित तौर पर धमकाने और प्रताड़ित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत अपराधों के लिए मो. जुबैर के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी, जब उन्होंने उस ट्विटर उपयोगकर्ता को जवाब दिया था जो उनकी नाबालिग बेटी के साथ एक तस्वीर को 'डीपी' के रूप में इस्तेमाल कर रहा था.
जुबैर के वकील ने पहले अदालत को बताया कि उन्हें ट्विटर पर उनके पोस्ट के लिए उस व्यक्ति द्वारा ट्रोल किया जा रहा था, जिसने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और उन्हें अपमानित किया. यहां तक कि माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर उनके पेज पर सांप्रदायिक रूप से आरोपित टिप्पणियां भी की. उन्होंने बाद में अपनी नाबालिग बेटी के साथ खड़े व्यक्ति की डिस्प्ले पिक्चर (डीपी) पोस्ट की, जिसका चेहरा याचिकाकर्ता द्वारा सावधानी से धुंधला कर दिया गया था, तो उनके खिलाफ शिकायत की गई थी.