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विधानसभा चुनाव से पहले फिर अनाधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने की शुरू हुई प्रक्रिया, LG ने दिए आदेश - DELHI UNAUTHORISED COLONIES

-दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अनधिकृत कॉलोनियों पर एलजी का बड़ा फैसला -लगभग 1797 कॉलोनी अनधिकृत.

दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया फिर शुरू
दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया फिर शुरू (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 27, 2024, 10:22 PM IST

Updated : Nov 28, 2024, 7:45 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले संपत्ति मालिकों को मालिकाना हक (प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री) करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. मंगलवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की स्थापना दिवस के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछले चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनी में रहने वालों के साथ धोखा किया था. तब चुनाव से ठीक पहले अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोगों की संपत्तियों नियमित भी किया गया. मगर इसकी संख्या हजारों तक ही पहुंची. इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया यह कॉलोनी में रहने वाले लोगों के साथ एक छलावा था.

एक दिन बाद बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी दी की उन्होंने डीडीए को आदेश दिया है कि वह विशेष शिविर लगाकर अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का काम शुरू करें. एक महीने के भीतर लोगों से प्राप्त आवेदन का निपटान किया जाए उन्होंने यह भी लिखा है कि पिछले कई महीनों के दौरान वह दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में कई यात्राओं के दौरान, प्रणालीगत उदासीनता और जटिलताओं के कारण पीएम-उदय योजना के लाभों का लाभ उठाने में निवासियों की कठिनाइयों को संज्ञान में लिया. अब एक महत्वपूर्ण कदम में, डीडीए को अनधिकृत कॉलोनियों में एकल विंडो क्लीयरेंस शिविर आयोजित करने और अगले एक महीने के दौरान मौके पर समाधान प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने डीडीए और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को इन शिविरों में मौजूद रहने और मानवीय तरीके से आवश्यक सहायता प्रदान करने को कहा है. उन कॉलोनियों और निवासियों को नियमितीकरण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने का आदेश दिया है. उपराज्यपाल ने कहा है कि पीएम-उदय के माध्यम से नियमित अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले दिल्ली के लोगों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

लगभग 1797 अनाधिकृत कॉलोनियां: बता दें कि दिल्ली में लगभग 1797 अनधिकृत कॉलोनियां हैं. वर्ष 2008 में जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपनी दूसरी पारी समाप्त करने वाली थी. तब अचानक नवंबर 2008 में अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया का केंद्र सरकार ने ऐलान किया था. तब सोनिया गांधी के हाथों प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी बंटवाया इतना ही नहीं तब केंद्र की कांग्रेस सरकार की सहायता से शीला दीक्षित ने तब दिल्ली की 1639 कॉलोनियों में से 1268 को प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी दे दिया. इस सर्टिफिकेट का यूं तो कॉलोनी वालों को कोई फायदा नहीं हुआ. मगर कुछ दिनों बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित पर भरोसा जताते हुए दिल्ली वालों ने उन्हें तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया.

उसके बाद वर्ष 2019 के आखिर में कॉलोनियों में संपत्ति की खरीद फरोख्त के लिए रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हुई थी. वर्ष 2020 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की खरीद बिक्री के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हुई थी. लेकिन एक साल में 5 फीसद संपत्तियां रजिस्ट्री नहीं हुई है. इन कॉलोनियों में रहने वालों की तादाद 40 लाख से ऊपर है.

  1. यमुना के डूब क्षेत्र पर किसी भी अनाधिकृत निर्माण को हटाना होगा चाहे वह धार्मिक स्थल ही क्यों न होः हाईकोर्ट
  2. अनाधिकृत कॉलोनियों से जुड़ा बिल संसद में पारित, दिल्ली के 40 लाख लोगों को राहत, जानें सब

नई दिल्ली: दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले संपत्ति मालिकों को मालिकाना हक (प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री) करने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है. मंगलवार को आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की स्थापना दिवस के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछले चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनी में रहने वालों के साथ धोखा किया था. तब चुनाव से ठीक पहले अनधिकृत कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोगों की संपत्तियों नियमित भी किया गया. मगर इसकी संख्या हजारों तक ही पहुंची. इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया यह कॉलोनी में रहने वाले लोगों के साथ एक छलावा था.

एक दिन बाद बुधवार को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने सोशल मीडिया एक्स पर जानकारी दी की उन्होंने डीडीए को आदेश दिया है कि वह विशेष शिविर लगाकर अनधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण का काम शुरू करें. एक महीने के भीतर लोगों से प्राप्त आवेदन का निपटान किया जाए उन्होंने यह भी लिखा है कि पिछले कई महीनों के दौरान वह दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनियों में कई यात्राओं के दौरान, प्रणालीगत उदासीनता और जटिलताओं के कारण पीएम-उदय योजना के लाभों का लाभ उठाने में निवासियों की कठिनाइयों को संज्ञान में लिया. अब एक महत्वपूर्ण कदम में, डीडीए को अनधिकृत कॉलोनियों में एकल विंडो क्लीयरेंस शिविर आयोजित करने और अगले एक महीने के दौरान मौके पर समाधान प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.

उन्होंने डीडीए और सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों को इन शिविरों में मौजूद रहने और मानवीय तरीके से आवश्यक सहायता प्रदान करने को कहा है. उन कॉलोनियों और निवासियों को नियमितीकरण आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करने का आदेश दिया है. उपराज्यपाल ने कहा है कि पीएम-उदय के माध्यम से नियमित अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले दिल्ली के लोगों को मालिकाना हक प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

लगभग 1797 अनाधिकृत कॉलोनियां: बता दें कि दिल्ली में लगभग 1797 अनधिकृत कॉलोनियां हैं. वर्ष 2008 में जब दिल्ली में कांग्रेस की सरकार थी. मुख्यमंत्री शीला दीक्षित अपनी दूसरी पारी समाप्त करने वाली थी. तब अचानक नवंबर 2008 में अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया का केंद्र सरकार ने ऐलान किया था. तब सोनिया गांधी के हाथों प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी बंटवाया इतना ही नहीं तब केंद्र की कांग्रेस सरकार की सहायता से शीला दीक्षित ने तब दिल्ली की 1639 कॉलोनियों में से 1268 को प्रोविजनल सर्टिफिकेट भी दे दिया. इस सर्टिफिकेट का यूं तो कॉलोनी वालों को कोई फायदा नहीं हुआ. मगर कुछ दिनों बाद हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में शीला दीक्षित पर भरोसा जताते हुए दिल्ली वालों ने उन्हें तीसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री पद पर बैठा दिया.

उसके बाद वर्ष 2019 के आखिर में कॉलोनियों में संपत्ति की खरीद फरोख्त के लिए रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हुई थी. वर्ष 2020 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों में संपत्तियों की खरीद बिक्री के लिए रजिस्ट्री प्रक्रिया शुरू हुई थी. लेकिन एक साल में 5 फीसद संपत्तियां रजिस्ट्री नहीं हुई है. इन कॉलोनियों में रहने वालों की तादाद 40 लाख से ऊपर है.

  1. यमुना के डूब क्षेत्र पर किसी भी अनाधिकृत निर्माण को हटाना होगा चाहे वह धार्मिक स्थल ही क्यों न होः हाईकोर्ट
  2. अनाधिकृत कॉलोनियों से जुड़ा बिल संसद में पारित, दिल्ली के 40 लाख लोगों को राहत, जानें सब
Last Updated : Nov 28, 2024, 7:45 AM IST
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