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केरल में भारी संख्या में सरकारी कर्मचारियों ने अवैध तरीके से उठाई सामाजिक सुरक्षा पेंशन, अब होगी यह कार्रवाई

वित्त मंत्री के एन बालगोपाल ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि लाभार्थियों की सूची में सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 27, 2024, 10:26 PM IST

तिरुवनंतपुरम: केरल में 1,458 सरकारी कर्मचारी अवैध रूप से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करते पाए गए हैं. वित्त विभाग की सूचना के आधार पर केरल मिशन के इंस्पेक्शन में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस धोखाधड़ी में कॉलेज के सहायक प्रोफेसर और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों सहित कई राजपत्रित अधिकारी शामिल थे, जो कल्याण पेंशन का लाभ उठाते पाए गए.

इस बड़े खुलासे से पता चला है कि राज्य में 1,458 सरकारी कर्मचारी अवैध रूप से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. इस योजना में पकड़े गए लोगों में दो सहायक प्रोफेसर हैं, जिनमें से एक तिरुवनंतपुरम जिले के एक सरकारी कॉलेज में और दूसरा पलक्कड़ जिले में कार्यरत है. इसके अतिरिक्त, तीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की पहचान पेंशन प्राप्तकर्ता के रूप में की गई है.

वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने अधिकारियों को अवैध रूप से प्राप्त पेंशन राशि को लागू ब्याज सहित वसूलने और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि लाभार्थियों की सूची में सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. जांच में पता चला कि, स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा फर्जी पेंशन पाने वाले लोग हैं, जिसमें 373 लोग शामिल हैं.

सामान्य शिक्षा विभाग में 224 लोग पेंशन पाने वालों में शामिल हैं, जबकि अन्य प्रभावित विभागों में चिकित्सा शिक्षा विभाग में 124, आयुर्वेद विभाग (भारतीय चिकित्सा पद्धति) में 114 लोग, पशुपालन विभाग में 74 लोग, लोक निर्माण विभाग में 47 लोग कल्याणकारी पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी हैं. वैसे ही तकनीकी शिक्षा विभाग में 46 लोग और होम्योपैथी विभाग में 41 लोग हैं. कृषि और राजस्व विभाग में 35-35 लोग, न्यायपालिका और सामाजिक न्याय विभाग में 34 लोग, बीमा चिकित्सा सेवा विभाग में 31, कॉलेजिएट शिक्षा विभाग में 27 और होम्योपैथी में 25 लोग कल्याणकारी पेंशन पाते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में पांच श्रेणियों के लाभार्थियों को 1,600 रुपये की मासिक कल्याण पेंशन दी जाती है, जिनकी संख्या करीब 60 लाख है. राज्य सरकार के कर्मचारी किसी भी सामाजिक कल्याण पेंशन के हकदार नहीं हैं, जो समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को या अविवाहित महिलाओं के मामले में 50 वर्ष की आयु के लोगों को दी जाती है. निरीक्षण में पाया गया कि अवैध लाभार्थियों में राजपत्रित अधिकारी, कॉलेज के प्रोफेसर और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक शामिल हैं.

सूची में शामिल 1,458 कर्मचारियों में से 373 स्वास्थ्य विभाग से, 224 सामान्य शिक्षा विभाग से और 123 चिकित्सा शिक्षा विभाग से हैं. बाकी तकनीकी शिक्षा, होम्योपैथी, राजस्व, कृषि, न्यायपालिका और सामाजिक न्याय तथा कॉलेजिएट शिक्षा विभाग के हैं.

ये भी पढ़ें: SC ने केरल के MLA एंटनी राजू के खिलाफ केस खोला, सबूतों से छेड़छाड़ का मामला

तिरुवनंतपुरम: केरल में 1,458 सरकारी कर्मचारी अवैध रूप से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करते पाए गए हैं. वित्त विभाग की सूचना के आधार पर केरल मिशन के इंस्पेक्शन में एक बड़ा खुलासा हुआ है. इस धोखाधड़ी में कॉलेज के सहायक प्रोफेसर और उच्चतर माध्यमिक शिक्षकों सहित कई राजपत्रित अधिकारी शामिल थे, जो कल्याण पेंशन का लाभ उठाते पाए गए.

इस बड़े खुलासे से पता चला है कि राज्य में 1,458 सरकारी कर्मचारी अवैध रूप से सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त कर रहे हैं. इस योजना में पकड़े गए लोगों में दो सहायक प्रोफेसर हैं, जिनमें से एक तिरुवनंतपुरम जिले के एक सरकारी कॉलेज में और दूसरा पलक्कड़ जिले में कार्यरत है. इसके अतिरिक्त, तीन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की पहचान पेंशन प्राप्तकर्ता के रूप में की गई है.

वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने अधिकारियों को अवैध रूप से प्राप्त पेंशन राशि को लागू ब्याज सहित वसूलने और जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि लाभार्थियों की सूची में सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं. जांच में पता चला कि, स्वास्थ्य विभाग में सबसे ज्यादा फर्जी पेंशन पाने वाले लोग हैं, जिसमें 373 लोग शामिल हैं.

सामान्य शिक्षा विभाग में 224 लोग पेंशन पाने वालों में शामिल हैं, जबकि अन्य प्रभावित विभागों में चिकित्सा शिक्षा विभाग में 124, आयुर्वेद विभाग (भारतीय चिकित्सा पद्धति) में 114 लोग, पशुपालन विभाग में 74 लोग, लोक निर्माण विभाग में 47 लोग कल्याणकारी पेंशन पाने वाले सरकारी कर्मचारी हैं. वैसे ही तकनीकी शिक्षा विभाग में 46 लोग और होम्योपैथी विभाग में 41 लोग हैं. कृषि और राजस्व विभाग में 35-35 लोग, न्यायपालिका और सामाजिक न्याय विभाग में 34 लोग, बीमा चिकित्सा सेवा विभाग में 31, कॉलेजिएट शिक्षा विभाग में 27 और होम्योपैथी में 25 लोग कल्याणकारी पेंशन पाते हैं.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केरल में पांच श्रेणियों के लाभार्थियों को 1,600 रुपये की मासिक कल्याण पेंशन दी जाती है, जिनकी संख्या करीब 60 लाख है. राज्य सरकार के कर्मचारी किसी भी सामाजिक कल्याण पेंशन के हकदार नहीं हैं, जो समाज के कमजोर वर्गों के लोगों को 60 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को या अविवाहित महिलाओं के मामले में 50 वर्ष की आयु के लोगों को दी जाती है. निरीक्षण में पाया गया कि अवैध लाभार्थियों में राजपत्रित अधिकारी, कॉलेज के प्रोफेसर और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक शामिल हैं.

सूची में शामिल 1,458 कर्मचारियों में से 373 स्वास्थ्य विभाग से, 224 सामान्य शिक्षा विभाग से और 123 चिकित्सा शिक्षा विभाग से हैं. बाकी तकनीकी शिक्षा, होम्योपैथी, राजस्व, कृषि, न्यायपालिका और सामाजिक न्याय तथा कॉलेजिएट शिक्षा विभाग के हैं.

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