नई दिल्ली: दिल्ली में खेल और खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली सरकार लगातार अपनी योजनाओं का प्रचार प्रसार कर रही है. साथ ही ओलंपिक और पैरा ओलंपिक में मेडल जीतने वाले और भाग लेने वाले खिलाड़ियों को भी कई साल से सम्मानित किया जा रहा है. इसी क्रम में दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने पेरिस ओलंपिक में भाग लेने वाले और पदक जीतने वाले दिल्ली के ओलंपिक व पैरालंपिक खिलाड़ियों को पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया.
इस दौरान सम्मानित होने वाले पांच खिलाड़ियों और एक कोच में से सिर्फ दो खिलाड़ी ही उपस्थित हो सके. उपस्थित होने वाले दो खिलाड़ियों में कुश्ती में कांस्य पदक जीतने वाले अमन सेहरावत और पैराओलंपिक में एथलेटिक्स में सिल्वर मेडल जीतने वाले शरद कुमार शामिल रहे. वहीं, जूडो की खिलाड़ी तूलिका मान, एथलेटिक्स के खिलाड़ी अमोज जैकब और एथलेटिक्स के ही विकास सिंह नेशनल कैंप में शामिल होने की वजह से कार्यक्रम में नहीं आ सके. इन तीन खिलाड़ियों और एक कोच की जगह उनके माता-पिता सम्मान समारोह में शामिल हुए. शरद कुमार के कोच जलज कुमार राय किसी अति आवश्यक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के चलते नहीं आ सके. इन खिलाड़ियों के अलावा टोक्यो ओलंपिक 2020 में कुश्ती में सिल्वर मेडल जीतने वाले पहलवान रवि दहिया भी शामिल हुए.
पांच खिलाड़ियों और एक कोच को दी गई राशि: मुख्यमंत्री आतिशी ने सम्मानित करते हुए शरद कुमार को 2 करोड़, अमन सेहरावत, को एक करोड़, तूलिका मान को 10 लाख, कोच जलज कुमार राय को 10 लाख, विवाह सिंह को 10 लाख और अमोज जैकब को पांच लाख रूपये की धनराशि के चेक वितरित किए. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में दिल्ली सरकार के स्पोर्ट्स स्कूल के बच्चे भी शामिल रहे. इस दौरान स्कूली छात्र-छात्राओं ने खिलाड़ियों से उनसे उनके खेल के अनुभव भी पूछे. साथ ही खेल में आगे बढ़ने के लिए किस तरह से बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है इसके टिप्स भी जाने.
खिलाड़ियों की जीत से देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता:कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कहा कि हमारे खिलाड़ियों का टारगेट होता है ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतना. जब मेडल जीतते हैं तो हमारे तिरंगे झंडे के साथ खिलाड़ी पोडियम पर खड़े होते हैं. फिर राष्ट्रगान की धुन के साथ जब धीरे-धीरे हमारा तिरंगा झंडा ऊपर उठना शुरू होता है तो पूरे देश की नजरे आप पर होती हैं. 140 करोड़ देशवासियों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है. उस समय पूरा देश खिलाडियों को एक ही नजर से देख रहा होता है. इस तरह से खेल और खिलाड़ी की देश को एक करने में बड़ी भूमिका होती है.