नई दिल्ली:दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के चलते दिल्ली में चुनाव आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) लागू है. ऐसे में संसद में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो आम बजट पेश किया है, उसमें दिल्ली को लेकर किसी भी विकास की परियोजना आदि से संबंधित बात का जिक्र नहीं है. चुनाव के चलते दिल्ली वालों को बजट में कोई विशेष सौगात नहीं मिली है. हालांकि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बजट में दिल्ली सरकार को 1348 करोड रुपए दिए गए हैं जो गत वर्ष के मुकाबले में अधिक है. वित्त वर्ष 2024-25 के बजटीय अनुमानों से 180 करोड़ तथा संशोधित बजट से 100 करोड़ अधिक है.
आम बजट में जिस तरह मिडिल क्लास के लोगों को ध्यान में रखते हुए आयकर की सीमा को बढ़ाया गया है, इसे मध्यम वर्ग के लोगों में एक बड़ी सौगात के तौर पर देखा जा रहा है. हालांकि, आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आम बजट पर पहली प्रतिक्रिया देकर निराशा जताई है. केजरीवाल ने प्रतिक्रिया में कहा, ''देश के खजाने का एक बड़ा हिस्सा चंद अमीर अरबपतियों के कर्ज़े माफ करने में चला जाता है. उन्होंने माँग की थी कि बजट में ये ऐलान किया जाए कि आगे से किसी अरबपति के कर्ज़ माफ नहीं किए जाएँगे. इससे बचने वाले पैसे से मिडिल क्लास के होम लोन और व्हीकल लोन में छूट दी जाए, किसानों के कर्ज़े माफ किए जाएं, इनकम टैक्स और GST की टैक्स दरें आधी की जाएं. लेकिन दुख है कि ये नहीं किया गया.''
दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा. विधानसभा चुनाव के चलते गत 7 जनवरी से आचार संहिता लागू है. ऐसे में पहले से कयास लगाए जा रहे थे कि इस बार केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए जाने वाले आम बजट में दिल्ली की जनता के लिए कुछ खास ऐलान नहीं हो सकेगा. बजट भाषण में दिल्ली में स्थित स्थानीय निकाय एनडीएमसी, डीडीए आदि से संबंधित योजनाओं को लेकर वित्तमंत्री ने कोई बात नहीं कही.