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मेवाड़ यूनिवर्सिटी के डीन ने राजस्थान से नोएडा तक बांटी फर्जी डिग्रियां, डिग्रियों से नौकरी पाने वाले एसओजी की रडार पर - Fake degree

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 10, 2024, 3:09 PM IST

राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) की प्राध्यापक (हिंदी) भर्ती परीक्षा में फर्जी डिग्री से नौकरी हासिल करने की आंच जब मेवाड़ यूनिवर्सिटी पहुंची, तो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. एसओजी की गिरफ्त में आए डीन कौशल किशोर चंद्रुल से पूछताछ में सामने आया है कि उसने राज्य से बाहर भी कई लोगों को फर्जी डिग्रियां दी हैं.

Fake degree
Fake degree

जयपुर. राजस्थान लोकसेवा आयोग (आरपीएससी) की प्राध्यापक (हिंदी) परीक्षा में दो महिला अभ्यर्थियों की फर्जी डिग्री की जांच करते हुए एसओजी गंगरार (चित्तौड़गढ़) की मेवाड़ यूनिवर्सिटी पहुंची तो कई चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. दरअसल, इस मामले में एसओजी ने मेवाड़ यूनिवर्सिटी के फार्मेसी डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल (डीन और प्रोफेसर) कौशल किशोर चंद्रुल को गिरफ्तार कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है. उससे पूछताछ में सामने आया है कि उसने राज्य के साथ ही प्रदेश से बाहर नोएडा में भी कई लोगों को फर्जी डिग्रियां दी हैं. उसे याद नहीं कि उसने कितने लोगों को फर्जी डिग्रियां बांट दी. ऐसे में अब एसओजी उन सभी लोगों को चिह्नित कर रही है, जिन्होंने फर्जी डिग्री हासिल की और उसके आधार पर सरकारी नौकरी हासिल कर ली. ऐसे अभ्यर्थी अब एसओजी की रडार पर हैं और उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है.

एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह ने बताया कि प्राध्यापक (हिंदी) भर्ती में चयनित दो महिला अभ्यर्थियों के खिलाफ अजमेर के सिविल लाइन्स थाने में आरपीएससी ने मुकदमा दर्ज करवाया था. दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की, तो सामने आया कि उन्हें मेवाड़ यूनिवर्सिटी के डीन कौशल किशोर चंद्रुल ने रुपए लेकर डिग्री दी थी. उसे गिरफ्तार किया गया है और रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है. उसके मोबाइल और लैपटॉप-कंप्यूटर को जांच के लिए एफएसएल में भिजवाया गया है.

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फर्जी डिग्री गिरोह में और कौन, इसकी भी जांच :भर्ती परीक्षाओं में चयन के लिए कई बार फर्जी डिग्री हासिल करने के मामले सामने आए हैं. अब इसके तार मेवाड़ विश्वविद्यालय से जुड़ने के बाद एसओजी कौशल किशोर चंद्रुल से पूछताछ कर रही है. उससे फर्जी डिग्री हासिल करने वाले लोगों के साथ ही फर्जी डिग्री देने वाले गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में भी पूछताछ की जा रही है. एसओजी की पड़ताल में कई रहस्यों से पर्दा उठने की संभावना है.

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