नई दिल्ली: दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वालों के लिए पीएम-उदय योजना के तहत आवेदनों को शीघ्र निपटाने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की ओर से आज से विशेष अभियान शुरू किया गया है. यह अभियान 29 दिसंबर तक चलेगा. दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आदेश पर शुरू इस अभियान के तहत मौजूदा आवेदनों में लंबित कमियों को दूर करने में विशेष सहायता, आवश्यक दस्तावेज जैसे कि आई बॉन्ड, नोटरीकरण तैयार करने में मदद, पंजीकृत हुए लोगों को आवेदन भरने में सहायता मिल सकेगी.
दरअसल, दिल्ली में 1700 के करीब अवैध कॉलोनी में रहने वाले तकरीबन 40 लाख लोगों को जिन्होंने वहां पर संपत्तियां खरीदी, उनके पास पुख्ता दस्तावेज नहीं है. जिसके चलते उन्हें अधिकृत रूप से उसे संपत्ति का मालिकाना हक नहीं मिल सका है. दशकों से इस तरह की समस्या को देखते हुए साल 2019 में दिल्ली में पीएम-उदय योजना शुरू की गई. जिसके तहत अगर दिल्ली की अनधिकृत कॉलोनी में कोई रहता है तो वहां रहने वाले लोग इस योजना का लाभ उठाकर संपत्ति का मालिकाना हक हासिल कर सकते हैं. योजना की शुरुआत में हजारों संख्या में आवेदन आए, मगर दस्तावेजों की कमी, अधिकृत लोगों के हस्ताक्षर आदि जैसे मामूली त्रुटियों की वजह से लंबित आवेदनों की संख्या भी लाखों में पहुंच चुकी है. जिसका निस्तारण अब तक नहीं हो सका है.
LG के आदेश पर आवेदनों का निपटारा किया जाएगा
बीते 27 नवंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने डीडीए को आदेश दिया की विशेष शिविर लगाकर ऐसे आवेदनों का निपटारा किया जाए. जिसकी प्रक्रिया आज से शुरू हो रही है. हालांकि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने 26 नवंबर को पार्टी की स्थापना दिवस के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि पिछले चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार ने दिल्ली में अनधिकृत कॉलोनी में रहने वालों के साथ धोखा किया था. तब चुनाव से ठीक पहले अनाधिकृत कॉलोनी में रहने वाले कुछ लोगों की संपत्तियों को नियमित भी किया गया था. मगर इसकी संख्या हजारों तक ही पहुंची. इस प्रक्रिया को बंद कर दिया गया. अब उपराज्यपाल के आदेश पर डीडीए ने अनधिकृत कॉलोनियों में सिंगल विंडो क्लीयरेंस शिविर आयोजित करने और अगले एक महीने के दौरान मौके पर समाधान करने को कहा गया है.