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किसान भाई आमदनी बढ़ाने के लिए कर सकते हैं मुलेठी की खेती, जानें सही तरीका और समय - CULTIVATION OF LIQUORICE

किसान मुलेठी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. मुलेठी की खेती का सही तरीका और समय रिपोर्ट में जानें

Cultivation of liquorice
Cultivation of liquorice (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Feb 3, 2025, 11:10 AM IST

हिसार:हमारे देश में प्राचीन समय से ही औषधीय पौधों की खेती बड़े स्तर पर की जाती है. इन पौधों की खेती कर किसान काफी मुनाफा भी कमा सकते हैं. खास बात यह है कि इस तरह की खेती के लिए किसान भाई बंजर जमीन का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. मुलेठी की जड़ से झाड़ी व मोटा तना बनने में करीब तीन साल तक का समय लग जाता है. कटाई के बाद 1 हैक्टेयर में मुलेठी की खेती करके 4 हजार किलो तक उत्पादन किया जा सकता है.

दवा में इस्तेमाल की जाती है मुलेठी: कटाई के बाद मुलेठी की जड़ खेत में रह जाती है. इसकी सिंचाई करके फिर से उत्पादन किया जा सकता है. एक बार की खेती से किसानों को काफी सालों तक इसका फायदा मिलता है. आयुर्वेद में सबसे ज्यादा इस्तेमाल मुलेठी का किया जाता है. अन्य दवा की कंपनियां 50-100 रुपये के बीच में इसे खरीदती है. इससे किसानों को बंजर मिट्टी का सही इस्तेमाल करके कम लागत में अच्छी कमाई का अवसर मिलता है.

मुलेठी की खेती का सही समय:एमएपी सेक्शन के अध्यक्ष डॉ. राजेश आर्य ने बताया कि बिजाई के लिए मुलेठी की जड़ों को करीब 9 इंच लंबी कलम काटकर ढाई से तीन फुट की दूरी पर लाइन में लगाएं. लाइनों की आपसी दूरी भी ढाई से तीन फुट और लाइन में कलमों की आपसी दूरी एक फुट रखें. जड़ों को 2-3 इंच मिट्टी में दबा दें. सुहागा लगाकर हल्की सिंचाई कर दें. जरूरत के मुताबिक सिंचाई करने से पैदावार बढ़ती है. मुलेठी की बिजाई का उत्तम समय 15 जनवरी से 15 फरवरी तक है.

जड़ों में नमी बनाकर ऐसे रखें सुरक्षित:पहले साल मुलेठी में 2-3 निराई-गुड़ाई करके खरपतवार जरूर निकाले. जड़ों की खुदाई से 8-10 दिन पहले खेत में हल्का पानी लगा दें. जब खेत खुदाई करने योग्य हो जाएं तो ढाई से तीन साल बाद डेढ़ से दो फुट गहरा खोदकर जड़ों को निकालें. हैरो के बाद कल्टीवेटर का प्रयोग कर जड़ों को एकत्रित कर लें. 2-3 बार में ज्यादातर जड़ें निकलती है. जड़ों को फर्श पर फैलाकर छाया में सुखाएं. जब जड़ों में नमी 10 प्रतिशत से अधिक न हो तो सुरक्षित स्टोर में रखें, जहां पर नमी हो.

मुलेठी की खेती का सही तरीका: भूमि की पोषकता के लिए 10-12 टन गोबर की खाद प्रति एकड़ के हिसाब से डालकर खेत तैयार करें. हरियाणा मुलेठी नंबर-1 किस्म की 100-120 किलोग्राम ताजा जड़े (लगभग 12000-15000 कलम) प्रति एकड़ के हिसाब से लगाएं. इसके प्रमुख खरीदार डाबर, झंडू, बैद्यनाथ, हमदर्द, पतंजलि आदि फार्मेसी कंपनी हैं. मुलेठी की खेती के लिए जल निकास वाली बलुई-दोमट से दोमट मिट्टी अच्छी रहती है. जड़ों की पैदावार मुलेठी की फसल से ढाई से तीन साल बाद 25-30 क्विंटल सूखी जड़ें एक एकड़ से प्राप्त की जा सकती हैं. 100 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव से बेच सकते हैं.

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