अंबाला :हरियाणा की अंबाला लोकसभा सीट के लिए काउंटिंग के बाद साफ हो जाएगा कि अंबाला लोकसभा सीट कौन जीत रहा है. अंबाला लोकसभा सीट में बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही कांटे की टक्कर है, ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिरकार किसे विजय का आशीर्वाद मिलता है.
अंबाला में किसे मिलेगा आशीर्वाद ?:अंबाला से उम्मीदवारों की बात की जाए तो यहां पर कुल 14 प्रत्याशी लोकसभा के रण में उतरे थे लेकिन अंबाला लोकसभा सीट पर लगभग हर बार की तरह इस बार भी मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. बीजेपी ने अंबाला से इस बार बीजेपी के दिवंगत सांसद रतन लाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस से वरुण चौधरी बीजेपी की बंतो कटारिया का मुकाबला करेंगे. बंतो कटारिया पहली बार चुनाव मैदान में है लेकिन वे राजनीति में काफी ज्यादा सक्रिय रही हैं और अपने पति रतनलाल कटारिया के साथ चुनाव प्रचार भी कर चुकी है. वहीं कांग्रेस उम्मीदवार वरुण चौधरी की बात करें तो वे अंबाला के ही रहने वाले हैं और पेशे से वकील हैं. वरुण चौधरी साल 2019 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. साथ ही वरुण चौधरी साल 2021 में विधानसभा में अपने योगदान के लिए 'सर्वश्रेष्ठ विधायक पुरस्कार' भी हासिल कर चुके हैं. वहीं इनेलो ने यहां से सिख उम्मीदवार एडवोकेट सरदार गुरप्रीत सिंह सहोटा को टिकट दिया था, जबकि जेजेपी ने किरण पुनिया को अंबाला से टिकट दिया था.
अंबाला लोकसभा में वोटिंग:अंबाला लोकसभा में अगर मतदाताओं की बात करें तो यहां पर कुल 19,96,168 मतदाता हैं. इनमें पुरूष मतदाताओं की तादाद 10,55,929 और महिला मतदाता की संख्या 94,0163 है. वहीं थर्ड जेंडर मतदाताओं की तादाद 76 हैं. 25 मई को यहां 67.34 % मतदान दर्ज किया गया है.
अंबाला लोकसभा में विधानसभा सीटें:अंबाला लोकसभा सीट पर हरियाणा की 9 विधानसभा सीटें आती है. यहां अंबाला, पंचकूला और यमुनानगर जिले के 9 विधानसभा क्षेत्र आते हैं. इनमें कालका, पंचकूला, अंबाला शहर, मुलाना, साढौरा, अंबाला कैंट, नारायणगढ़, जगाधरी और यमुनानगर विधानसभा सीट हैं. 9 विधानसभा सीटों में से 5 सीटों पर बीजेपी काबिज है, जबकि 4 सीटों कालका, नारायणगढ़, साढौरा, मुलाना पर कांग्रेस का कब्जा है.
अंबाला लोकसभा का जातिगत समीकरण:अंबाला लोकसभा के जातिगत समीकरण की बात करें तो यहां अनुसूचित जाति 2.72 लाख, अरोड़ा खत्री 1.72 लाख, ब्राह्मण 1.55 लाख, बनिया-महाजन 1.20 लाख, जाट 1.15 लाख, बाल्मीकि 99,000, पिछड़ा जाति 90,000, राजपूत 73,000, गुज्जर 75,000, मुस्लिम 37,000, लबाना 35,000, कम्बोज 22,000, झींवर 56,000 और जाट सिख 1.10 लाख है.
अंबाला लोकसभा सीट की हिस्ट्री:अंबाला पंजाब की सीमा से सटा हुआ है और अगर अंबाला लोकसभा सीट के इतिहास की बात की जाए तो यहां पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों का ही दबदबा रहा है. 1952 में ये सीट अस्तित्व में आई थी. पिछले बीजेपी के सांसद रतलाल कटारिया यहां से 3 बार सांसद रह चुके हैं. 1999 में वे अंबाला से बीजेपी के सांसद थे. साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस के राजकुमार को शिकस्त दी थी.