मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :चिरमिरी की बरतुंगा कॉलरी में स्थित सती मंदिर के विस्थापन को लेकर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से खबर दिखाई थी.जिसमें हाईकोर्ट के निर्देश के बाद भी विस्थापन के दौरान नियमों का पालन नहीं किया गया.एसईसीएल ने अपनी मनमानी करते हुए सती मंदिर को पूरी तरह से विस्थापित किए बिना ही आनन फानन में काम शुरु कर दिया.यही नहीं मंदिर विस्थापित हुए बिना ही एसईसीएल ने संबंधित जगह पर बारुद लगाकर विस्फोट कर दिया. जिससे पुरातन धरोहर नष्ट हो गए.एसईसीएल के इस कृत्य के कारण मंदिर से जुड़े श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंची है.
किन्हें जारी हुआ नोटिस ?:इस मुद्दे को लेकर हाईकोर्ट में चिरमिरी क्षेत्र के राजकुमार मिश्रा ने याचिका दायर की. जिस पर उच्च न्यायालय ने संज्ञान लेते हुए एसईसीएल चिरमिरी क्षेत्र के दो उप क्षेत्रीय प्रबंधक एवं एक एसईसीएल चेयरमैन पद पर पदस्थ कर्मचारी को अवमानना का नोटिस जारी किया है. यह अवमानना का नोटिस चिरमिरी ओपन कास्ट माइंस के उच्च क्षेत्रीय प्रबंधक मनीष सिंह, कुरासिया माइंस के उप क्षेत्रीय प्रबंधक अरुण सिंह चौहान और एसईसीएल चिरमिरी में चेयरमैन कर्मचारी राजेश्वर श्रीवास्तव को जारी किया गया है.
क्या है पूरा मामला ? :आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ पुरातत्व विभाग ने इस संबंध में विधिवत जांच के बाद राज्य और केंद्र सरकार को प्रतिवेदन दिया था. इस प्रतिवेदन में उन्होंने माना था कि चिरमिरी क्षेत्र में स्थित सती मंदिर 14वीं-15वीं शताब्दी का है. इसे संरक्षित किया जाना चाहिए. याचिका पर उच्च न्यायालय ने राज्य और केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. साथ ही वर्ष 2022 में भी एक याचिका इसी मुद्दे पर दायर की गई. दोनों याचिकाओं की सुनवाई एक साथ 19 सितंबर 2023 को की गई. याचिकाओं पर कोर्ट के निर्देशों का पालन एसईसीएल चिरमिरी के अधिकारियों द्वारा विधिवत नहीं किया जा रहा था.साथ ही सती मंदिर के अवशेष जिसमें देवी-देवताओं की मूर्तियां थी, उनको खोदकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया. कोयला निकालने के बहाने बारूद लगाकर ब्लास्ट किया गया, जिससे मंदिर और कई मूर्तियां नष्ट हो गए.
आपको बता दें कि चिरमिरी एसईसीएल क्षेत्र के बरतुंगा स्थित सती मंदिर विस्थापन को लेकर कई खबरें प्रमुखता से चली थी. जिसमें एसईसीएल चिरमिरी प्रबंधन के ऊपर नियमों को दरकिनार करने का आरोप लगा. हाईकोर्ट के आदेशों को बिना पालन करते हुए सती मंदिर के प्राचीन अवशेष को हटाकर उस जगह पर कोल उत्खनन किया गया.इसी मामले में कोर्ट ने एसईसीएल के अफसरों को अवमानना का नोटिस जारी किया है.