जयपुर:राजस्थान विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष और लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा ने ईआरसीपी, यमुना जल समझौता, पेपर लीक, कानून-व्यवस्था, किरोड़ीलाल मीना के बयान और रोजगार व भर्तियों को लेकर सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, नगरीय निकाय मंत्री कहते हैं कि पहले सफाई कर्मचारियों को संविदा पर रखा जाएगा. उनके काम के परीक्षण के बाद उन्हें नियमित किया जाएगा, लेकिन प्रदेश की जनता ने क्या गुनाह किया था. मुख्यमंत्री और मंत्री परीक्षण कर क्यों नहीं लगाए गए. इन्हें सीधा ही स्थायी क्यों कर दिया?. मंत्री जोगाराम पटेल ने खड़े होकर कहा कि यदि आपने परीक्षण करके लगाया था तो आपको शिक्षा मंत्री के पद से क्यों हटाया था. इस बीच मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग ने कहा कि आपने परीक्षण करके लगाया होता तो उपमुख्यमंत्री को निकम्मा नहीं कहना पड़ता.
कब पकड़े जाएंगे पेपर लीक के मगरमच्छ: डोटासरा ने सीएम से पूछा, पेपर लीक के बड़े मगरमच्छ कब पकड़े जाएंगे. आप भर्तियों और युवाओं के प्रति संवेदनशील है तो आरपीएससी का अध्यक्ष क्यों नहीं बना रहे. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का अध्यक्ष क्यों नहीं बना रहे. आरपीएससी के रिक्त पदों पर सदस्य क्यों नहीं लगाए जा रहे हैं. कहीं ऐसा न हो कि चार साल बाद हमारी सरकार आए तब तक मगरमच्छ खा-खाकर इतने बड़े जाएं कि जेल के दरवाजे चौड़े करने पड़े. आप बड़ी बातें करते हैं, नवलगढ़ में आरएएस भर्ती परीक्षा के पेपर का लिफाफा खुला मिला है. यूनिवर्सिटी की परीक्षा के भी पेपर लीक हुए हैं.
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किरोड़ी कह रहे- पीठ में चाकू घोंपा:डोटासरा ने कहा किरोड़ी लाल मीणा को मैंने साढू बनाया है. आपको (सीएम को) उन्होंने दौसा में भाई बनाया है. वे कह रहे हैं कि उनकी पीठ में छुरा घोंपा गया. एक कैबिनेट मंत्री यह कह रहे हैं कि रोजाना बीसलपुर में करोड़ों रुपए की बजरी का अवैध खनन हो रहा है. उसके बाद आप सब मौन धारण किए हुए हो. इसका मतलब पूरी सरकार लिप्त है. इस पर सरकार को जवाब देना पड़ेगा. यह बात एक कैबिनेट मंत्री कह रहा है.
क्या यह गुड गवर्नेंस की निशानी है:डोटासरा बोले अगर मंत्री कोई बात बोलता है तो यह सरकार की साझा जिम्मेदारी होती है, लेकिन आपके मंत्री विधानसभा में नहीं आ रहे. यह साफ करना चाहिए कि बजरी खनन में किनकी मिलीभगत है. मंत्री कह रहे हैं कि इंटेलिजेंस भी फेल हैं. वे सीएम के गृह विभाग पर साजिश के आरोप लगा रहे हैं. यह हो क्या रहा है, क्या यही गुड गवर्नेंस की निशानी है?.