देहरादून: वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान पर प्रदेश में बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. भले ही प्रेमचंद अग्रवाल ने अपने बयान पर खेद व्यक्त कर दिया हो, लेकिन तमाम विपक्षी पार्टियां उन पर हमलावर हैं. जिससे धामी सरकार को आगे आकर सफाई देने पड़ रही है. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने एक प्रेस कांफ्रेंस कर मुख्यमंत्री और विधानसभा की कार्यवाही पर भी निशाना साधा है. वहीं बदरीनाथ विधायक लखपत सिंह बुटोला द्वारा विधानसभा में उठाए सवाल पर भी प्रतिक्रिया दी.
विधानसभा में नहीं तो कहां उठाएंगे मुद्दे: कांग्रेस नेता गणेश गोदियाल ने आरोप लगाया कि, मुख्यमंत्री और विधानसभा अध्यक्ष ने कैबिनेट मंत्री को बचाने का काम किया है. पीठ पर बैठीं विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी कह रही हैं कि यह राजनीति का अखाड़ा व केंद्र नहीं है. प्रदेश की राजनीति का केंद्र विधानसभा है. जनता जिन्हें वोट देकर विधानसभा भेजती है, वो जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र की समस्याओं को वहां नहीं कहेंगे तो कहां कहेंगे. विधानसभा अध्यक्ष ये बताएं कि कैसे उन्होंने विधानसभा को 'राजनीति का अखाड़ा और केंद्र नहीं है' कह दिया, उन्हें बताना चाहिए.
विपक्ष मुद्दे तक नहीं उठा सकता:गणेश गोदियाल ने आगे कहा कि विधानसभा अध्यक्ष गैर जिम्मेदाराना बात कर रही हैं. वो खुद तो भाषण दे रही हैं, लेकिन सदस्यों को कह रही है कि ये भाषण देने की जगह नहीं हैं, जबकि पीठ से विधानसभा अध्यक्ष राजनीतिक भाषण दे रही हैं. जिसमें पीएम मोदी की योजनाओं को हम कैसे प्रदेश में प्रचार-प्रसार कर सकें कहती दिखाई दे रही हैं. वहीं, विधानसभा में सार्वजनिक रूप से गाली देने पर विपक्ष बात तक नहीं कर सकता.
संशोधित भू-कानून पर भी उठाए सवाल:इसके अलावा उन्होंने प्रदेश में लागू किए गए संशोधित भू-कानून पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने सवाल किया कि- 2018 में जब त्रिवेंद्र सरकार ने भू-कानून को रद्द किया, तब से लेकर अब तक प्रदेश को कितना नुकसान हुआ है, इस नुकसान की भरपाई कौन करेगा? इसका जवाब सरकार को देना चाहिए. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि क्या उधम सिंह नगर और हरिद्वार उत्तराखंड में नहीं हैं, तो फिर इन दोनों जिलों को भू-कानून से बाहर क्यों रखा गया है?