नैनीतालः कुमाऊं विश्वविद्यालय की भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों पर कुमार विश्वविद्यालय की टीम में बड़ी कार्रवाई की. कुमाऊं विश्वविद्यालय की टीम ने परिसर में 15 और डीएसबी परिसर क्षेत्र में हुए 2 अतिक्रमण को मुक्त कराया. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान विश्वविद्यालय की टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. जिसके बाद विश्वविद्यालय की टीम डीएसबी क्षेत्र में बने दो अतिक्रमण को ध्वस्त कर वापस लौट गई.
जानकारी देते हुए कुमाऊं विश्वविद्यालय के कुलसचिव मंगल सिंह मंद्रवाल ने बताया कि,
कुमाऊं विश्वविद्यालय और डीएसबी परिसर में रिटायर्ड कर्मचारियों समेत कुछ अन्य लोगों ने विश्वविद्यालय की भूमि पर अतिक्रमण कर लिया था. जिसको हटाने के लिए कई बार विश्वविद्यालय प्रशासन ने नोटिस जारी किए थे. इसके बावजूद भी अब तक किसी भी अतिक्रमणकारियों ने अपना अतिक्रमण नहीं हटाया. बार-बार चेतावनी के बावजूद भी जब रिटायर्ड कर्मचारियों और अन्य लोगों ने अपना अतिक्रमण नहीं हटाया तो अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई.
स्थानीय लोगों ने लगाया उत्पीड़न का आरोप: डीएसबी परिसर से लगे क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने गई विश्वविद्यालय की टीम को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा. वहीं स्थानीय लोगों ने विश्वविद्यालय पर अतिक्रमण के नाम पर उत्पीड़न का आरोप लगाया. स्थानीय ममता चमियाल ने आरोप लगाया कि,
विश्वविद्यालय के लोग लगातार उनको अतिक्रमणकारी बताते हुए बिना नोटिस जारी कर उनके घर तोड़ने के लिए पहुंच रहे हैं. जहां उनका घर बना है, उस जगह पर कई पीढ़ियों से रह रहे हैं. जिस भूमि को विश्वविद्यालय अपनी बताते हुए उन्हें नोटिस जारी कर रहा है, वह विश्वविद्यालय की नहीं है और ना ही विश्वविद्यालय के पास उस भूमि के दस्तावेज और मानचित्र हैं. विश्वविद्यालय के कर्मचारी समय-समय पर उन्हें अतिक्रमणकारी बताते हुए लगातार धमकाते रहते हैं. जिसका स्थानीय लोग अब विरोध कर रहे हैं.
वहीं मंडी समिति के सदस्य मनोज जोशी का कहना है कि,
कार्रवाई के नाम पर पुलिस को बुलाकर बंद घरों को तोड़ते हुए स्थानीय लोगों का उत्पीड़न किया जा रहा है. जिसका स्थानीय लोग विरोध कर रहे हैं.
डीएसबी परिसर के आसपास के क्षेत्र में अतिक्रमण को हटाने के लिए 2018 से नोटिस जारी किए थे. जिनके खिलाफ आज कार्रवाई की गई है. कुछ लोगों ने कार्रवाई का विरोध करते हुए विश्वविद्यालय पर उनकी भूमि ना होने का आरोप लगाया है. जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मिलकर अतिक्रमण वाली भूमि का सर्वे कराया जाएगा.
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