कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को सरकारी चिकित्सकों की वेतनवृद्धि 10,000 रुपये से 15,000 रुपये तक करने की घोषणा की. राज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय का भी प्रभार संभाल रहीं बनर्जी ने राज्य में मेडिकल कॉलेजों की सांस्कृतिक एवं खेल गतिविधियों के लिए दो-दो करोड़ रुपये के कोष की घोषणा की. मुख्यमंत्री ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से बलात्कार के बाद उसकी हत्या के जिम्मेदार लोगों के लिए सोमवार को कठोर सजा की मांग की.
पिछले साल नौ अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 वर्षीय चिकित्सक से रेप किया गया और उसकी हत्या कर दी गई, जिससे पूरे देश में आक्रोश फैल गया था. निचली अदालत ने दोषी संजय रॉय को उम्रकैद की सजा सुनाई. मामला अभी कलकत्ता उच्च न्यायालय में लंबित है.
Kolkata: West Bengal CM Mamata Banerjee announces a hike for medical staff, " i announce an increment of rs 10,000 for all interns, house staff, post-graduate trainees, and post-doctoral trainees." pic.twitter.com/uLXMSRo0PP
— ANI (@ANI) February 24, 2025
बनर्जी ने जान गंवाने वाली महिला चिकित्सक को अपनी ‘‘बहन’’ बताया और पीड़िता के माता-पिता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की. महिला चिकित्सक की अस्पताल में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गयी थी.
धनो धन्यो ऑडिटोरियम में वरिष्ठ एवं जूनियर चिकित्सकों और मेडिकल छात्रों की एक विशेष सभा को संबोधित करते हुए ममता ने न्याय सुनिश्चित करने के लिए अपनी सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला और अपराजिता विधेयक पेश करने पर जोर दिया, जिसमें बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान किया गया है.
अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक राष्ट्रपति के पास लंबित
ममता ने कहा, ‘‘मैं आरजी कर अस्पताल में मारी गई बहन के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं. हम इस मामले में उचित सजा की मांग करते हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैं भी इस घटना के विरोध में सड़कों पर उतरी थी. हमारी सरकार ने अपराजिता विधेयक पारित किया था, लेकिन यह अब भी (राष्ट्रपति के पास) लंबित है.’’
अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) विधेयक, 2024 को पिछले सितंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने सर्वसम्मति से पारित किया था. विधेयक में बलात्कार के दोषियों के लिए मृत्युदंड का प्रावधान है, यदि उनके अपराध के परिणामस्वरूप पीड़िता की मृत्यु हो जाती है या वह अचेत अवस्था में चली जाती है.
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने भाइयों को हमारी बहनों की सुरक्षा करने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी सौंपती हूं. आज, कोई लैंगिक असमानता नहीं है, जो एक बहुत ही सकारात्मक माहौल है. सरकार निश्चित रूप से अपना काम करेगी, लेकिन मेरा मानना है कि आप (भाई) इस मामले में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं.’’
इस महीने की शुरुआत में, तृणमूल कांग्रेस के कई सांसदों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से लंबित विधेयक पर चर्चा करने के लिए मुलाकात की, जिसे राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने राष्ट्रपति कार्यालय को भेजा था.
मुख्यमंत्री ने चिकित्सकों की भूमिका की प्रशंसा करते हुए वरिष्ठ डॉक्टरों के लिए 15,000 रुपये और प्रशिक्षुओं, हाउस स्टाफ तथा स्नातकोत्तर प्रशिक्षुओं सहित जूनियर डॉक्टरों के लिए 10,000 रुपये की वेतन वृद्धि की घोषणा की.
उन्होंने कहा, ‘‘वरिष्ठ डॉक्टर जूनियर डॉक्टरों को कई चीजें सिखाते हैं. मैं वरिष्ठ डॉक्टरों से अनुरोध करूंगी कि वे सी-सेक्शन हो या हृदय संबंधी सर्जरी, सब कुछ जूनियर पर न छोड़ें. सरकारी अस्पतालों में अपनी सेवा के कम से कम आठ घंटे दें और फिर अपनी निजी प्रैक्टिस करें. मुझे इससे कोई दिक्कत नहीं है.’’
डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस के लिए कार्यस्थल से दूरी बढ़ाई
बनर्जी ने सरकारी डॉक्टरों की निजी प्रैक्टिस के लिए कार्यस्थल से दूरी की सीमा भी 20 किलोमीटर से बढ़ाकर 30 किलोमीटर कर दी.
इस साल की शुरुआत में मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में कथित तौर पर ‘एक्सपायर्ड’ अंतःशिरा द्रव दिए जाने के कारण प्रसव के बाद एक महिला की मृत्यु और चार अन्य के बीमार होने का जिक्र करते हुए बनर्जी ने कहा कि उस घटना के लिए ‘चिकित्सकीय लापरवाही’ जिम्मेदार थी.
बनर्जी ने महिला की मौत के सिलसिले में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के 12 डॉक्टरों का निलंबन रद्द कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘मिदनापुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मामले में निश्चित रूप से चिकित्सकीय लापरवाही हुई है. जांच की जा रही है और इसके लिए मैं और कुछ नहीं कहूंगी. कुछ जूनियर डॉक्टरों को निलंबित किया गया है और पुलिस ने उनकी भूमिका की जांच की है. उनके भविष्य के बारे में सोचते हुए मैंने निलंबन वापस लेने का फैसला किया है.’’
ये भी पढ़ें- ममता ने आरजी कर रेप-मर्डर केस के दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की