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कांग्रेस ने महिला उत्पीड़न के आरोपी IFS रैंक के अफसर पर की कार्रवाई की मांग, सरकार पर मामले को दबाने का आरोप

Officer accused of harassing female employee कांग्रेस ने आईएफएस रैंक के एक अफसर पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में कार्यरत महिला के उत्पीड़न का आरोप लगाया है. कांग्रेस का कहना है कि पीड़ित महिला ने डीजीपी को लिखित शिकायत दी है, इसके बावजूद उस अफसर पर कार्रवाई नहीं हो रही है. इसके साथ ही कांग्रेस ने लोकगायक नरेंद्र सिंह नेगी को पद्मश्री नहीं मिलने पर भी नाखुशी जताई है.

Pollution Control Board
उत्तराखंड कांग्रेस

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jan 31, 2024, 7:14 AM IST

देहरादून: कांग्रेस पार्टी ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आईएफएस रैंक के अफसर पर महिला उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग उठाई है. पार्टी की मुख्य प्रवक्ता गरिमा दसोनी का कहना है कि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मेंबर सेक्रेटरी आईएफएस रैंक के अधिकारी ने विभाग में ही कार्यरत महिला का उत्पीड़न किया है.

आईएफएस रैंक के अफसर पर महिला उत्पीड़न का आरोप: जिसका उत्पीड़न हुआ उसने पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत दी है. उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं. ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑफिस में हुई घटना को दबाने की पूरी कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब इस आईएफएस अधिकारी के खिलाफ किसी महिला ने शिकायत की हो. महिला ने उत्तराखंड के डीजीपी को इस मामले में लिखित शिकायत दी है. इसके बावजूद आनन फानन में 24 घंटे के अंदर अधिकारी को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड से हटाकर वन विभाग के हेड क्वार्टर में अटैच कर दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अंकिता भंडारी की तरह इस बेटी की चीख भी अनसुनी रह जाएगी.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से हटाया जा चुका अफसर: दरअसल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर शासन ने आईएफएस रैंक के अफसर पर लगे आरोपों के चलते प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव के पद से हटाकर वन मुख्यालय स्थित हॉफ कार्यालय में अटैच कर दिया. इस अफसर पर विभाग में कार्यरत महिला ने अभद्रता का आरोप लगाया है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है.

गढ़ रत्न नरेंद्र नेगी के अपमान का लगाया आरोप:कांग्रेस पार्टी ने सरकार पर गढ़ रत्न नरेंद्र नेगी के अपमान का आरोप लगाया है. पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता का कहना है कि पद्मश्री के लिए नरेंद्र नेगी का नाम उत्तराखंड से केंद्र को भेजा जाना था. इसके लिए नरेंद्र सिंह नेगी से उनका बायोडाटा भी मांगा गया. परंतु जैसे ही मूल निवास और भू कानून को लेकर नेगी का वीडियो वायरल हुआ, वैसे ही पद्मश्री से उनका नाम हटा दिया गया. उन्होंने इसे खेदजनक बताया है और कहा कि नरेंद्र सिंह नेगी के योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है.
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