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कांग्रेस का आरोप- आजमगढ़ सहित तीन जिलों में गलाघोटू बीमारी से बच्चों की हो रही मौत, सरकार कुछ नहीं कर रही - Congress attack on Yogi government

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव, प्रभारी संगठन अनिल यादव ने कहा है कि पिछले एक माह में जनपद आज़मगढ़ में गलाघोंटू बीमारी की चपेट में आकर 10 बच्चों की मौत हो गई है. जिसमें जनपद के मिर्जापुर ब्लाक में सबसे अधिक मौत हुई है.

कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा.
कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 8:00 PM IST

लखनऊः पिछले एक माह में जनपद आज़मगढ़ में गलाघोंटू बीमारी की चपेट में आकर 10 बच्चों की मौत हो गई है. जिसमें जनपद के मिर्जापुर ब्लाक में सबसे अधिक मौत हुई है. उत्तर प्रदेश में गलाघोंटू बीमारी का प्रकोप बढ़ता जा रहा है. अभी तक प्रदेश के तीन जिलों आज़मगढ़, संभल और उन्नाव में उक्त बीमारी के लक्षण देखने को मिले हैं. पर प्रदेश सरकार अपनी आंखें बंद किए हुए हाथ पर हाथ रखे बैठी हुई है. यह आरोप उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी महासचिव, प्रभारी संगठन अनिल यादव ने प्रदेश कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान लगाए.

उन्होंने कहा कि मैं इस बात को दावे से इसलिए कह रहा हूं कि मैं खुद भी जनपद आज़मगढ़ से आता हूं. जब मैंने वहां जमीनी स्तर पर जाकर देखा तो मुझे पता चला कि स्थिति कितनी भयावह है. अनिल यादव ने कहा कि 02 अगस्त 2024 को जनपद आज़मगढ़ के मिर्जापुर ब्लाक में गलाघोंटू बीमारी से एक बच्चे की मौत हुई. तब से अब तक कुल 10 बच्चों की मौत हो चुकी है. स्थानीय बच्चों की मौत को प्रशासन द्वारा यह कहकर छुपाया जा रहा कि बच्चों की मौत डिफ्थीरिया (गलाघोंटू) बीमारी के चलते नहीं, बल्कि अन्य कारणों से हुई है. अभी तक दो बच्चों को ही डिफ्थीरिया बीमारी से मरने का प्रमाण पत्र मिला है. जिला अस्पलाल के द्वारा डिफ्थीरिया पीड़ित बच्चों को रेफर कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी कल रात ही एक बच्चे को पीजीआई से बीएचयू रेफर किया गया. पीड़ित परिजन 1 घंटे तक एम्बुलेंस का इंतजार करते रहे मुझे घटना की जानकारी हुई तब मैंने सीएमओ को फोन किया तो उनका जवाब था कि एम्बुलेंस की जिम्मेदारी हमारी नहीं है. यह व्यवस्था अब प्राईवेट सेक्टर को सौंप दी गई है, नतीजन उस बच्चे की भी मौत हो गई.

कहा कि कांग्रेस का एक प्रतिनिधिमंडल जिसमें सांसद राकेश राठौर एवं स्वयं मैंने जनपद आज़मगढ़ जाकर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया तब बीमारी के भयावह स्थिति का पता चला. वहां के स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मृतकों के परिजन नट समाज से आते हैं और इन्होंने अपने बच्चों का टीकाकरण नहीं कराया है. जबकि परिजनों से बातचीत के दौरान पता चला कि बच्चों का टीकाकरण कराया गया है.

यादव ने कहा कि बच्चों की मौत गलाघोंटू बीमारी से नहीं बल्कि उत्तर प्रदेश की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था ने गला दबा कर की है. उन्होंने मीडिया के माध्यम से प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री को घेरते हुए कहा कि यदि जिले के सीएमओ तथा ब्लाक के स्वास्थ्य कर्मियों पर कार्यवाही नहीं करते तो हम 10 पीड़ित परिवार के परिजनों को लाकर स्वास्थ्य मंत्री के घर पर बैठकर उनसे यह पूछेंगे. अगर 10 बच्चों की मौत गलाघोंटू से नहीं हुई तो किस बीमारी से हुई है. उन्होंने प्रशासन से मांग करते हुए कहा कि पीड़ितों के गांवों में अस्थाई स्वास्थ्य कैंप लगाया जाए और तत्काल राहत और बचाव के उपाय किये जायें.

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