पटना : कहते हैं इतिहास अपने आप को दोहराता है. आज जिस मुहाने पर बिहार में राजद खड़ी है. उसी मुहाने पर 2022 के अगस्त में बीजेपी खड़ी थी. 10 अगस्त 2022 को नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ अपना समर्थन वापस लेकर राजद के साथ सरकार बना ली थी. उस समय वर्तमान उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हाविधानसभा के अध्यक्ष थे. जैसे ही समर्थन वापस लिया गया उनके खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में लाया गया. तब विजय सिन्हा ने इस्तीफा नहीं दिया था.
इतिहास दोहराता है..: विजय सिन्हा ने 24 अगस्त 2022 को सदन को संचालित करके अपने दो पेज के भाषण को पढ़ा. लोकतंत्र की दुहाई दी. उसके बाद इस्तीफा दिया. इस्तीफा देने से पहले उन्होंने डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी को ना बुलाकर जदयू के पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव को सदन की कार्रवाई संचालित करने को कहा. हालांकि बाद में बाद में डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी ने सभा को संचालित किया.
तब विजय सिन्हा अड़े थे : इस बात को याद करना इसलिए जरूरी है क्योंकि कहते हैं राजनीति अपने आप को दोहराती है और आज राजद कोटे के स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने भी वही कहा जो 2022 अगस्त में तत्कालीन स्पीकर विजय कुमार सिन्हा ने कहा था. जब तक अवध बिहारी चौधरी इस्तीफा नहीं दे देते हैं तब तक कई कयास लगाए जा रहे हैं. कहा यह जा रहा है कि विधानसभा में खेल हो सकता है. तेजस्वी यादव बड़े गेम प्लान में लगे हुए हैं. जो फ्लोर टेस्ट होगा उसमें कई विधायक इधर से उधर जा सकते हैं. इन तमाम कयासों के बीच में अवध बिहारी चौधरी का स्पीकर पद से इस्तीफा न देना इन बातों को हवा दे रहा है.
नियम के मुताबिक अभी अबध बिहारी नही देंगे इस्तीफा :अविश्वास प्रस्ताव लाने के 14 दिन तक स्पीकर अपने पद से इस्तीफा नहीं दे सकते हैं. अवध बिहारी चौधरी ने विधानसभा के नियम का हवाला देते हुए कहा कि वह अभी इस्तीफा नहीं देंगे. अभी वह विधानसभा अध्यक्ष पद पर काबिज रह सकते हैं. जाहिर सी बात है जो विधानसभा का नियम है उसके मुताबिक वह उस दिन तक विधानसभा के अध्यक्ष रहेंगे जब तक की फ्लोर टेस्ट नहीं हो जाता.