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रांची में आंदोलन कर रहे हैं राज्यभर के सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी, जानिए वजह - Community Health Officers

CHO agitation in Jharkhand .झारखंड के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स ने मांगों को लेकर मोर्चा खोल दिया है. इस दौरान राज्य के अलग-अलग जिलों से पहुंचे सीएचओ ने स्वास्थ्य मंत्रालय के बाहर धरना-प्रदर्शन किया. खबर में जानिए क्या है सीएचओ की मांगें.

CHO Agitation In Jharkhand
मांगों को लेकर प्रदर्शन करते झारखंड के कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 25, 2024, 5:01 PM IST

रांची: झारखंड में स्वास्थ्य की फ्लैगशिप योजनाओं को धरातल पर उतारने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने कार्य बहिष्कार कर दिया है. रांची में स्वास्थ्य विभाग मंत्रालय नेपाल हाउस के सामने बुधवार को सभी सीएचओ ने धरना-प्रदर्शन किया और मांगों को लेकर नारेबाजी की.

कार्य बहिष्कार से स्वास्थ्य सेवा प्रभावित

तीन सूत्री मांग को लेकर राज्य के करीब चार हजार सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी (कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर) के कार्य बहिष्कार और आंदोलन का स्वास्थ्य सेवाओं पर खासा असर पड़ा है. सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं को धरातल पर उतारने के काम में परेशानी हो रही है.

नेपाल हाउस के बाहर प्रदर्शन कर सीएचओ और जानकारी देते संवाददाता उपेन्द्र कुमार. (वीडियो-ईटीवी भारत)

सरकार सकारात्मक फैसला लेगीः बन्ना गुप्ता

वहीं इस संबंध में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि सीएचओ के प्रदर्शन और उनकी मांगों से वह वाकिफ हैं. सरकार उनके मांगों पर सकारात्मक पहल करेगी. जिस तरह सरकार और विभाग ने सहिया का मानदेय बढ़ाया है, उसी तरह सीएचओ की मांगों पर भी सरकार सकारात्मक फैसला लेगी.

रांची में नेपाल हाउस के बाहर प्रदर्शन कर सीएचओ. (फोटो-ईटीवी भारत)

ये हैं राज्य के सीएचओ की मुख्य मांगें

नेपाल हाउस मंत्रालय के सामने प्रदर्शन कर रहे सीएचओ ने ईटीवी भारत से कहा कि उन्हें प्रति माह 25 हजार मानदेय और 15 हजार इंसेंटिव का प्रावधान है, लेकिन हर बार उनके ऊपर वाले पदाधिकारी किसी न किसी बहाने उनका इंसेंटिव काट लेते हैं. ऐसे में सरकार राज्य के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों के इंसेंटिव को मानदेय में मर्ज कर दें, ताकि उनका आर्थिक नुकसान न हो.

परेशानी साझा करती सीएचओ. (फोटो-ईटीवी भारत)

नियमितीकरण की भी मांग

इसके साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में सीएचओ के नियमितीकरण के लिए पद सृजित किया जाए और सभी सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी को स्वास्थ्य कार्य को छोड़ किसी अन्य कार्य के भार या दायित्व से मुक्त किया जाए. आंदोलित सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने कहा कि जब मणिपुर, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा और बिहार में पद सृजित कर 5200 पे ग्रेड एवं इंसेंटिव और सैलरी को मर्ज कर सकता है तो झारखंड सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती.

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