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राजस्थान में शीतलहर, माइनस में पहुंचा पारा, राज्य का सबसे ठंडा शहर रहा फतेहपुर - COLD WAVES IN DHOLPUR

राजस्थान में कड़ाके की सर्दी शुरू हो चुकी है. सीकर के फतेहपुर में बुधवार को न्यूनतम तापमान माइनस 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

धौलपुर में शीतलहर
धौलपुर में शीतलहर (ETV Bharat Dholpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 11, 2024, 9:00 AM IST

Updated : Dec 11, 2024, 11:47 AM IST

धौलपुर : जिले में शीतलहर का दौर लगातार जारी है. बुधवार को कड़ाके की सर्दी से लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया. जिले का न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है, जो सर्दी के इस सीजन का सबसे कम टेंपरेचर रहा है. पारा जमाव की स्थिति पर पहुंच गया है. खेतों में हल्की बर्फ की चादर भी देखी गई है.

सर्दी की वजह से लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. मुख्य सड़क मार्ग एवं बाजारों में आवाजाही काफी कम देखी जा रही है. शीतलहर ने ठिठुरन पैदा कर दी है. लोग अधिकांश घरों में कैद हो रहे हैं. गर्म कपड़े पहनकर बाहर निकल रहे हैं. सर्दी से बचने के लिए अलाव जलाकर आग का भी सहारा ले रहे हैं. सर्दी के इस सीजन में बुधवार को सबसे कम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. खेतों में बर्फ की चादर भी बिछ गई है. फसल पर पाला पड़ने से नुकसान की भी संभावना दिखाई दे रही है.

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किसानों ने बताया कि पाला पड़ने से सरसों और आलू की फसल में नुकसान हो सकता है. हालांकि, अभी स्थिति चिंताजनक नहीं है, लेकिन लगातार पाला पड़ेगा तो निश्चित तौर पर फसल में नुकसान देखने को मिल सकता है. मौसम विभाग भी आगामी दिनों में अधिक सर्दी की चेतावनी दे रहा है. पश्चिम में विक्षोभ की वजह से शीतलहर चलने की प्रबल संभावना है. तापमान में भारी गिरावट देखी जाएगी. आगामी दिनों में घना कोहरा एवं कड़ाके की सर्दी से लोगों को फेस होना पड़ सकता है.

राज्य का सबसे ठंडा शहर रहा फतेहपुर :राजस्थान में कड़ाके की सर्दी शुरू हो चुकी है. सीकर के फतेहपुर में बुधवार को न्यूनतम तापमान माइनस 1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. फतेहपुर कृषि अनुसंधान केंद्र के अनुसार सीजन में पहली बार पारा जमाबंदी से नीचे गया है, जिससे फसलों को नुकसान होने की संभावना है. मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में पारा इससे भी नीचे जा सकता है. ऐसे में किसानों को सलाह है कि सुबह के समय सिंचाई करते समय विशेष ध्यान रखें, जिससे फसलों को नुकसान न हो.

Last Updated : Dec 11, 2024, 11:47 AM IST

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