गोरखपुरः मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार दोपहर बाद गोरखपुर के ताल नदोर में बन रहे, पूर्वी उत्तर प्रदेश के पहले पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का निरीक्षण करने के बाद यह बातें कहीं. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय की डिजाइन, लेआउट, मॉडल को देखा. इसके प्रमुख विभागों के बारे में विस्तार से जानकारी ली. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि ताल नदोर में 80 से 100 एकड़ में प्रस्तावित इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और 52 एकड़ में नगर निगम की तरफ से बनाए जाने वाले कान्हा गोशाला को भी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक दायरे में लाया जाए.
सीएम योगी ने कहा, इस पायलट प्रोजेक्ट से हम यहां कुल ढाई-तीन सौ एकड़ क्षेत्रफल में विकास का शानदार मॉडल बना सकेंगे. लोक निर्माण विभाग के अफसरों ने बताया कि इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के लिए 106 एकड़ क्षेत्रफल में प्रारंभिक सर्वे का काम किया जा चुका है. इसके अलावा 52 एकड़ में बनने वाले कान्हा गोशाला का निर्माण सीएनडीएस द्वारा कराया जाएगा. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी कार्यों को एक दायरे में लाने पर काम किया जाए. वेटरिनरी कॉलेज के निर्माण की प्रगति के बारे में पूछे जाने पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रथम चरण का निर्माण मार्च 2026 में पूरा करा लिया जाएगा.
सीएम योगी बोले- इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम और वेटनरी कॉलेज को पायलट प्रोजक्ट के रूप में विकसित करें
सीएम योगी ने निर्माणाधीन पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का किया निरीक्षण, बोले- सरकार की मंशा ताल नदोर को विकास का नया मॉडल बनाएं
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 3, 2024, 4:59 PM IST
|Updated : Dec 3, 2024, 7:03 PM IST
चारागाह के लिए पर्याप्त लैंड रिजर्व करेंःमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुओं के चारागाह के लिए पर्याप्त लैंड रिजर्व करें और गौ सरोवर बनाने के लिए भी व्यवस्था की जाए. इसके लिए संरचना में आवश्यक परिवर्तन भी किए जाएं. उन्होंने वेटरिनरी कॉलेज के समीप ही चार एकड़ में बन रहे वृहद गोशाला को भी देखा और निर्देशित किया कि यहां गर्मियों में पशुओं को रखने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जाएं.
350 करोड़ की लागत से बन रहा पशु महाविद्यालय
बता दें कि ताल नदोर में पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी ने 3 मार्च 2024 को किया था. 80 एकड़ में तीन चरणों मे बन रहे इस महाविद्यालय के निर्माण पर 350 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आएगी. पहले चरण के निर्माण पर 277 करोड़ 31 लाख रुपये खर्च होंगे. कार्यदायी संस्था के रूप में लोक निर्माण विभाग को जिम्मेदार दी गई है. महाविद्यालय के परिसर में एकेडमिक ब्लॉक (भूतल+पांच मंजिल) हॉस्पिटल ब्लॉक, आवासीय ब्लॉक, 430 की क्षमता का पुरुष छात्रावास, 268 की क्षमता का महिला छात्रावास, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, कम्युनिटी सेंटर, एसटीपी, किसान भवन के साथ पशु चिकित्सा विज्ञान से जुड़ी विभिन्न विधाओं के शोध अध्ययन केंद्रों की स्थापना की जाएगी. इस महाविद्यालय परिसर को 'नेट जीरो एनर्जी' की अवधारणा पर विकसित किया जाएगा.
देश भर के पशु चिकित्सकों को दी जाएगी ट्रेनिंग
इस महाविद्यालय में पशुओं के इलाज के साथ नस्ल सुधार के कार्य भी होंगे. इस पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के बन जाने के बाद यहां देशभर के पशु चिकित्सकों की ट्रेनिंग भी होगी. इस महाविद्यालय की ड्राइंग श्रावस्ती के राजा शालिहोत्र की परिकल्पना पर डिजाइन की गई है. राजा शालिहोत्र ने तीसरी सदी में शालिहोत्र संहिता रचकर पशुधन के क्षेत्र को समृद्ध किया. भारतीय परंपरा में उन्हें पशु चिकित्सा विज्ञान का जनक माना जाता है.
भविष्य में विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड होने की उम्मीद
शिलान्यास के दिन मुख्यमंत्री ने ताल नदोर के पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय को विश्वविद्यालय के रूप में अपग्रेड करने का भरोसा दिया था. फिलहाल यह महाविद्यालय, पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान संस्थान, मथुरा से संबद्ध होगा। इसके बन जाने से पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी बिहार और पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के पशुपालकों को भी काफी फायदा होगा.
फोरलेन होगा पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय का अप्रोच मार्ग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप पशु चिकित्सा विज्ञान महाविद्यालय के एप्रोच मार्ग को फोरलेन बनाया जाएगा. इसके लिए गोरखपुर-वाराणसी हाईवे से महाविद्यालय तक 450 मीटर मार्ग का फोरलेन में 3 करोड़ 90 लाख रुपये की लागत से नवनिर्माण कराया जाएगा. इसके अलावा इस पर 3 करोड़ 84 लाख रुपये की लागत भूमि अध्याप्ति पर आएगी. कार्यदायी संस्था के रूप में फोरलेन निर्माण की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग को दी गई है.
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