लखनऊ: देश के 78वें स्वाधीनता दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के लोगों से पंच प्रण का पालन करने का आह्वान किया. गुरुवार को सीएम ने पहले अपने सरकारी आवास में ध्वजारोहण किया. इस अवसर पर सीएम योगी ने राज्य के लोगों को बधाई देते हुए कहा कि देश को स्वतंत्रता कोई एक दिन में प्राप्त नहीं हुई थी. वर्षों की गुलामी से मिली आजादी पीढ़ियों के संघर्ष का परिणाम है.
इसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा के बाहर ध्वजारोहण किया. इस मौके पर हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए गए. साथ ही मध्यप्रदेश, असम, जम्मू कश्मीर समेत 7 राज्यों के सांस्कृतिक नृत्य भी प्रस्तुत किए गए.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ये वक्त नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, डॉ.भीमराव अंबेडकर व डॉ.श्यमा प्रसाद मुखर्जी जैसे महापुरुषों के सपनों को पूरा करने का है, उनकी जीवनी से प्रेरणा लेकर हमें देश को निर्धारित लक्ष्यों की ओर बढ़ाना होगा. देश की स्वाधीनता के लिए खुद की जान न्योछार कर देने वाले क्रांतिकारियों, स्वतंत्रता सेनानियों व सभी ज्ञात-अज्ञात वीर बलिदानियों को नमन करते हुए उनसे प्रेरणा लेनी होगी.
पीएम मोदी के बताए गए पंच प्रण से जुड़ें सभी:सीएम योगी ने कहा कि बीते 7 वर्षों में उत्तर प्रदेश प्रगति, सुरक्षा और खुशहाली की यात्रा पर बढ़ चला है, जिसकी प्रगति को सुनिश्चित करने के लिए हमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए पंच प्रण का पालन व अनुसरण करना होगा. उन्होंने कहा कि आज का ये अवसर उन महान सपूतों को स्मरण करने के साथ ही उनके संकल्पों के साथ खुद को जोड़ने का अवसर प्रदान कर रहा है. देश आजादी के अमृत काल के तीसरे चरण में प्रवेश कर चुका है. विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा बताए गए पंच प्रण से हमें जुड़ना होगा.
क्या हैं पीएम मोदी के 5 प्रण
- विकसित भारत: स्वच्छता अभियान, वैक्सीनेशन, ढाई करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन, खुले में शौच से मुक्ति, ऊर्जा का नवीनीकरण, हम सभी मानकों पर संकल्प से बढ़ रहे हैं.
- शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी: राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी की उसी सोच से मुक्ति का रास्ता है. हमें किसी भी तरह की गुलामी से मुक्ति पानी होगी. हमें विदेशी सर्टिफिकेट नहीं चाहिए. हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप देश की उभरती सोच व ताकत का परिणाम है.
- विरासत पर गर्व: जब हम अपनी धरती से जुड़ेगे, तभी ऊंचा उड़ेगे. तभी विश्व को समाधान दे पाएंगे. लिहाजा विरासत पर गर्व जरूरी है. मोटा धान हमारी विरासत का ही हिस्सा है. संयुक्त परिवार हमारी विरासत का हिस्सा है. पर्यावरण की सुरक्षा हमारी विरासत में छिपी है.
- एकता और एकजुटता: विविधता को सेलिब्रेट करना है. लैंगिक समानता, इंडिया फर्स्ट, श्रमिकों का सम्मान इसी का हिस्सा है. नारी का अपमान एक प्रमुख विकृति है, जिससे मुक्ति का रास्ता खोजना ही होगा.
- नागरिकों का कर्तव्य: नागरिकों का कर्तव्य प्रगति का रास्ता तैयार करता है. यह मूलभूत प्रणशक्ति है. बिजली की बचत, खेतों में मिलने वाले पानी का पूरा इस्तेमाल, केमिकलमुक्त खेती, हर क्षेत्र में नागरिकों की जिम्मेदारी और भूमिका बनती है.