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आपसी भाईचारे की तस्वीर: श्री फतेहगढ़ साहिब में एक लंगर ऐसा भी, मुस्लिम समुदाय ने किया आयोजन - UNIQUE LANGAR BY MUSLIMS

पंजाब में माता गुजरी कॉलेज के पास मुस्लिम समुदाय के लोगों ने लंगर लगाकर आपसी भाईचारे की तस्वीर पेश की है.

langar in punjab
मुस्लिम समुदाय ने लंगर का आयोजन किया (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 17 hours ago

Updated : 17 hours ago

श्री फतेहगढ़ साहिब: देश भर में गुरु गोविंद सिंह जी और माता गुजरी जी के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह, जिन्होंने छोटी सी उम्र में भी धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था. दोनों छोटे साहिबजादों को मुगलों ने शहीद कर दिया था. जिसके चलते शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए फतेहगढ़ साहिब में तीन दिवसीय शहीदी सभा का आयोजन किया जाता है.

यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देश के अलग-अलग गांवों से सेवादारों की तरफ से अलग-अलग तरह के लंगरों का प्रबंध किया गया है. इसी कड़ी में माता गुजरी कॉलेज के पास एक अनोखा लंगर लगाया गया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. आपसी भाईचारे का संदेश दे रहे लंगर मलेरकोटला से आए मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित किया गया था.

यह लंगर हर साल सिख मुस्लिम सांझ और पीस एड एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित किया जाता है. यहां सेवा करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि, वे यहां सेवा और आपसी एकता का संदेश लेकर आए हैं. इस संदेश के साथ फतेहगढ़ साहिब की धरती पर अलग-अलग स्थानों पर सिख मुस्लिम सांझ एवं पीस एड एसोसिएशन से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा लंगर का आयोजन किया गया.

इस संस्था के प्रधान श्री फतेहगढ़ साहिब में चल रहे तीन दिवसीय मीठे चावल के लंगर एवं शहीदी जोर मेल की सेवा करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि, 'आज हमने यहां की पवित्र धरती पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ 'हां' का नारा बुलंद करते हुए सिख-मुस्लिम एकता के नाम पर मानवता की सेवा के लिए लंगर का आयोजन किया है.' उन्होंने कहा कि सभी धर्म एक-दूसरे से जुड़ने का पाठ पढ़ाते हैं.

'मेरी पगड़ी मेरी शान' दूसरी ओर, छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह एवं माता गुजरी जी की सर्वोच्च शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए यूथ अकाली दल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सरबजीत सिंह झींजर के नेतृत्व में श्री फतेहगढ़ साहिब में 'मेरी दस्तार मेरी शान' मुहिम के तहत 'दस्तारन दा लंगर' का आयोजन किया.

यह लंगर छोटे साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान की याद में आयोजित किया गया था, जिन्होंने 6 और 9 साल की आयु में अपना धर्म त्यागने से इनकार करने पर शहीद हो गए थे. मुफ्त पगड़ी बांधने के शिविर उनकी बहादुरी, अपने धर्म के प्रति समर्पण और उनकी आस्था दुनिया भर में सिखों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. हर साल इन दिनों के दौरान, छोटे बच्चों सहित लाखों श्रद्धालु इस 'दस्तारन दे लंगर' (मुफ्त पगड़ी बांधने के शिविर) में भाग लेते हैं और उन्हें सिख गौरव और विरासत का प्रतीक पगड़ी पहनाई जाती है.

'मेरी दस्तार मेरी शान' अभियान के बारे में बात करते हुए, झींजर ने कहा 'युवा अकाली दल सिख समुदाय के समृद्ध इतिहास और विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम सिख गौरव और एकता को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन करना जारी रखेंगे.' बता दें कि, गुरु गोविंद सिंह जी के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत दिवस पर वीर बाल दिवस मनाया जाता है.

ये भी पढ़ें: कर्नाटक सरकार मनमोहन सिंह की आर्थिक नीतियों पर रिसर्च सेंटर स्थापित करेगी

श्री फतेहगढ़ साहिब: देश भर में गुरु गोविंद सिंह जी और माता गुजरी जी के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह, जिन्होंने छोटी सी उम्र में भी धर्म और सिद्धांतों की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया था. दोनों छोटे साहिबजादों को मुगलों ने शहीद कर दिया था. जिसके चलते शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए फतेहगढ़ साहिब में तीन दिवसीय शहीदी सभा का आयोजन किया जाता है.

यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए देश के अलग-अलग गांवों से सेवादारों की तरफ से अलग-अलग तरह के लंगरों का प्रबंध किया गया है. इसी कड़ी में माता गुजरी कॉलेज के पास एक अनोखा लंगर लगाया गया, जिसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. आपसी भाईचारे का संदेश दे रहे लंगर मलेरकोटला से आए मुस्लिम समुदाय द्वारा आयोजित किया गया था.

यह लंगर हर साल सिख मुस्लिम सांझ और पीस एड एसोसिएशन के बैनर तले आयोजित किया जाता है. यहां सेवा करने वाले मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कहा कि, वे यहां सेवा और आपसी एकता का संदेश लेकर आए हैं. इस संदेश के साथ फतेहगढ़ साहिब की धरती पर अलग-अलग स्थानों पर सिख मुस्लिम सांझ एवं पीस एड एसोसिएशन से जुड़े मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा लंगर का आयोजन किया गया.

इस संस्था के प्रधान श्री फतेहगढ़ साहिब में चल रहे तीन दिवसीय मीठे चावल के लंगर एवं शहीदी जोर मेल की सेवा करने पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि, 'आज हमने यहां की पवित्र धरती पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ 'हां' का नारा बुलंद करते हुए सिख-मुस्लिम एकता के नाम पर मानवता की सेवा के लिए लंगर का आयोजन किया है.' उन्होंने कहा कि सभी धर्म एक-दूसरे से जुड़ने का पाठ पढ़ाते हैं.

'मेरी पगड़ी मेरी शान' दूसरी ओर, छोटे साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह एवं माता गुजरी जी की सर्वोच्च शहादत को श्रद्धांजलि देने के लिए यूथ अकाली दल ने राष्ट्रीय अध्यक्ष सरबजीत सिंह झींजर के नेतृत्व में श्री फतेहगढ़ साहिब में 'मेरी दस्तार मेरी शान' मुहिम के तहत 'दस्तारन दा लंगर' का आयोजन किया.

यह लंगर छोटे साहिबजादों के सर्वोच्च बलिदान की याद में आयोजित किया गया था, जिन्होंने 6 और 9 साल की आयु में अपना धर्म त्यागने से इनकार करने पर शहीद हो गए थे. मुफ्त पगड़ी बांधने के शिविर उनकी बहादुरी, अपने धर्म के प्रति समर्पण और उनकी आस्था दुनिया भर में सिखों की पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी. हर साल इन दिनों के दौरान, छोटे बच्चों सहित लाखों श्रद्धालु इस 'दस्तारन दे लंगर' (मुफ्त पगड़ी बांधने के शिविर) में भाग लेते हैं और उन्हें सिख गौरव और विरासत का प्रतीक पगड़ी पहनाई जाती है.

'मेरी दस्तार मेरी शान' अभियान के बारे में बात करते हुए, झींजर ने कहा 'युवा अकाली दल सिख समुदाय के समृद्ध इतिहास और विरासत को संरक्षित करने के लिए प्रतिबद्ध है और हम सिख गौरव और एकता को बढ़ावा देने के लिए इस तरह के आयोजन करना जारी रखेंगे.' बता दें कि, गुरु गोविंद सिंह जी के दो छोटे साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के शहादत दिवस पर वीर बाल दिवस मनाया जाता है.

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Last Updated : 17 hours ago
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