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राम मंदिर की तर्ज पर बन रहा हनुमान गढ़ी का पश्चिमी द्वार, चौखट पर पहुंचते ही दिखेगा दिव्य नजारा - HANUMANGARHI WESTERN GATE

अयोध्या में हनुमान गढ़ी मंदिर का पश्चिमी द्वार बनाने की जिम्मेदारी केटी प्रोजेक्ट कंपनी को दी गई है.

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राम मंदिर के निर्माण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु रोज अयोध्या पहुंच रहे हैं. (Photo Credit- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 27, 2024, 8:19 PM IST

अयोध्या: राम मंदिर के तर्ज पर हनुमान गढ़ी मंदिर का पश्चिमी द्वार को तैयार किया जा रहा है. इसे प्राचीन इतिहास और वैदिक परंपरा के मुताबिक स्वरूप दिया जा रहा है. यह राम मंदिर के सिंह द्वार के ठीक सामने होगा. इसकी चौड़ाई लगभग 20 फीट और ऊंचाई 51 फीट रखी गई है. इसके साथ ही इस मार्ग से होकर गुजरने के लिए श्रद्धालु सभी सुविधा उपलब्ध होगी.

इसके लिए के.टी.प्रोजेक्ट कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है. राम मंदिर के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आवागमन जारी है. राम मंदिर में दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंचते हैं. इस दौरान प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस भीड़ के चलते दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना एक बड़ी चुनौती बन गई है.

इसको देखते हुए मंदिर परिसर के विस्तार की योजना पर काम शुरू कर दिया गया. मंदिर के पश्चिम दिशा का द्वार विकसित किया जा रहा है. धार्मिक मान्यता है कि त्रेता युग में श्रीराम जब लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या पहुंचे थे, तो उनके साथ हनुमान जी भी आए थे. वहां श्रीराम ने राजमहल की सुरक्षा के लिए उन्हें रामकोट के मुख्य द्वार पर स्थित इस टीले पर रहने के लिए जगह दी थी. हनुमान जी श्री राम जन्मभूमि की ओर देखते हुए विराजमान हैं.

हनुमानगढ़ी मंदिर गद्दी नशीन के उत्तराधिकारी महेश दास ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन हनुमानगढ़ी का विकास तीन चरणों में करा रहा है. पहले चरण में निकास द्वार के निर्माण का काम चल रहा है. इसमें सीढ़ियों का चौड़ीकरण 20 फीट तक किया जा रहा है. निकास द्वार को भी चौड़ा किया जाएगा. साथ ही 51 फीट ऊंचे नए निकास द्वार का निर्माण किया जाएगा. इसमें रामानंदीय संप्रदाय के संस्थापक रामानंद की मूर्ति भी रहेगी.

इसकी अनुमानित लागत लगभग 5 करोड़ है. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में हनुमान जी के गर्भगृह के पास की परिक्रमा को 20 फीट चौड़ा किया जाएगा. साथ ही मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिरों को किले की आखिरी दीवार तक शिफ्ट किया जाएगा, जिससे गर्भगृह के पास 20 से 25 फीट का अतिरिक्त दायरा मिल सकेगा. वहीं तीसरे चरण में गद्दी नशीन द्वारा आरती के दौरान एक कर्व आकार की चौड़ाई दी जाएगी और प्रवेश द्वार को भी विकसित करेंगे. इसके साथ ही विकलांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए लिफ्ट भी बनाई जा रही है. इससे हनुमानगढ़ी में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

ये भी पढ़ें- मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने खोया आपा, ठेकेदारों को दी खुलेआम गाली, बोले- कोई पैसे देने की बात कहेगा तो उसको जूते से मारुंगा

अयोध्या: राम मंदिर के तर्ज पर हनुमान गढ़ी मंदिर का पश्चिमी द्वार को तैयार किया जा रहा है. इसे प्राचीन इतिहास और वैदिक परंपरा के मुताबिक स्वरूप दिया जा रहा है. यह राम मंदिर के सिंह द्वार के ठीक सामने होगा. इसकी चौड़ाई लगभग 20 फीट और ऊंचाई 51 फीट रखी गई है. इसके साथ ही इस मार्ग से होकर गुजरने के लिए श्रद्धालु सभी सुविधा उपलब्ध होगी.

इसके लिए के.टी.प्रोजेक्ट कंपनी को जिम्मेदारी दी गई है. राम मंदिर के निर्माण के बाद श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या में आवागमन जारी है. राम मंदिर में दर्शन करने के लिए लाखों श्रद्धालु प्रतिदिन अयोध्या पहुंचते हैं. इस दौरान प्रसिद्ध हनुमानगढ़ी मंदिर में भी भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस भीड़ के चलते दर्शन के दौरान श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करना एक बड़ी चुनौती बन गई है.

इसको देखते हुए मंदिर परिसर के विस्तार की योजना पर काम शुरू कर दिया गया. मंदिर के पश्चिम दिशा का द्वार विकसित किया जा रहा है. धार्मिक मान्यता है कि त्रेता युग में श्रीराम जब लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या पहुंचे थे, तो उनके साथ हनुमान जी भी आए थे. वहां श्रीराम ने राजमहल की सुरक्षा के लिए उन्हें रामकोट के मुख्य द्वार पर स्थित इस टीले पर रहने के लिए जगह दी थी. हनुमान जी श्री राम जन्मभूमि की ओर देखते हुए विराजमान हैं.

हनुमानगढ़ी मंदिर गद्दी नशीन के उत्तराधिकारी महेश दास ने कहा कि श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन हनुमानगढ़ी का विकास तीन चरणों में करा रहा है. पहले चरण में निकास द्वार के निर्माण का काम चल रहा है. इसमें सीढ़ियों का चौड़ीकरण 20 फीट तक किया जा रहा है. निकास द्वार को भी चौड़ा किया जाएगा. साथ ही 51 फीट ऊंचे नए निकास द्वार का निर्माण किया जाएगा. इसमें रामानंदीय संप्रदाय के संस्थापक रामानंद की मूर्ति भी रहेगी.

इसकी अनुमानित लागत लगभग 5 करोड़ है. उन्होंने कहा कि दूसरे चरण में हनुमान जी के गर्भगृह के पास की परिक्रमा को 20 फीट चौड़ा किया जाएगा. साथ ही मंदिर परिसर में स्थित अन्य मंदिरों को किले की आखिरी दीवार तक शिफ्ट किया जाएगा, जिससे गर्भगृह के पास 20 से 25 फीट का अतिरिक्त दायरा मिल सकेगा. वहीं तीसरे चरण में गद्दी नशीन द्वारा आरती के दौरान एक कर्व आकार की चौड़ाई दी जाएगी और प्रवेश द्वार को भी विकसित करेंगे. इसके साथ ही विकलांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए लिफ्ट भी बनाई जा रही है. इससे हनुमानगढ़ी में श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.

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