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हिमाचल को विद्युत की शेड्यूलिंग से हर साल होगी ₹200 करोड़ की इनकम: सीएम सुक्खू - Himachal Earning from electricity

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 5, 2024, 6:21 AM IST

Himachal will earn 200 crore every year from electricity scheduling: हिमाचल प्रदेश को हर साल विद्युत की शेड्यूलिंग से करीब 200 करोड़ रुपये की इनकम होगा. सीएम सुक्खू ने बताया कि सीईआरसी ने विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से फ्री इलेक्ट्रिसिटी शेड्यूलिंग और अकाउंटिंग मैनेजमेंट को व्यवस्थित करने के लिए नई प्रक्रिया को स्वीकृति दी है.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू (ETV Bharat)

शिमला:हिमाचल को विद्युत की शेडयूलिंग (निधारण) और बेहतर लेखा प्रबंधन से हर साल करीब 200 करोड़ रुपये की आय होगी. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से मुफ्त विद्युत की शेड्यूलिंग और लेखा प्रबंधन को व्यवस्थित करने के लिए एक नई प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की है. यह प्रक्रिया हिमाचल के लिए 9 अगस्त, 2024 से लागू हो जाएगी.

सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद प्रदेश को सेंटर सेक्टर की विद्युत परियोजनाओं से अपनी अधिकारिक मुफ्त बिजली के हिस्से को सीधे उत्पादन केंद्र से बस बार आधार पर बेचने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे विद्युत की सटीक शेड्यूलिंग और लेखांकन हो पाएगा. सीधे उत्पादन केंद्र से अपने हिस्से की बिजली बेचने से ट्रांसमिशन शुल्क की बचत होगी और अन्य कई तरह के नुकसान भी न्यूनतम होंगे".

सरकार आय बढ़ाने को लगातार कर थी प्रयास:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से मुफ्त विद्युत की शेड्यूलिंग और लेखा प्रबंधन से विद्युत का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होगा. विद्युत परियोजना के कार्यशील होने के बाद ट्रांसमिशन शुल्क की अदायगी की जाती है. हिमाचल में अनेक परियोजनाएं दशकों से कार्यशील हैं. इस प्रक्रिया के लागू होने से राजस्व बचत भी होगी. प्रदेश सरकार आय सृजन के साधनों को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. संसाधनों की बचत और उनके कुशल प्रबंधन के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं. वित्तीय अनुशासन भी सुनिश्चित किया जा रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है.

सीएम सुक्खू ने कहा कि विद्युत प्रबंधन की इस नई प्रक्रिया के लागू होने से नाथपा झाकडी और रामपुर विद्युत परियोजनाओं में गाद की समस्या आने के दौरान प्रदेश को विद्युत कट का सामना भी नहीं करना पड़ेगा. इस दौरान राज्य अपने शेड्यूल को संशोधित नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस प्रक्रिया को लागू करने की निरंतर पैरवी कर रही थी. सीईआरसी विनियमन के अनुसार प्रदेश के लिए आवंटित जनरल नेटवर्क एक्सेस 1130 मेगावाट है. इस सीमा के बाद हिमाचल प्रदेश अंतर राज्य उत्पादन केंद्रों से विद्युत का शेड्यूल नहीं कर सकता है, जिससे विद्युत की कटौती होती है. इस प्रक्रिया के लागू होने से प्रदेश में सुचारू विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी.

सरकार को 300 करोड़ की आय:सीएम ने कहा कि राज्य में हिमाचल ऊर्जा प्रबंधन केंद्र प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड, हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन और ऊर्जा विभाग के विद्युत प्रबंधन करने की एकल ट्रेडिंग एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है. यह केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग और अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय स्थापित कर रहा है, जिसके परिणाम स्वरूप राज्य में विद्युत प्रबंधन व आय सृजन संसाधनों में निरंतर सुधार सुनिश्चित हो रहा है. हिमाचल प्रदेश ऊर्जा प्रबन्धन केंद्र की ओर से अप्रैल, 2024 से जुलाई, 2024 तक विक्रय से पिछले वर्ष की इस अवधि के मुकाबले सरकार को 300 करोड़ रुपये की अधिक आय हुई है.

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