शिमला:हिमाचल को विद्युत की शेडयूलिंग (निधारण) और बेहतर लेखा प्रबंधन से हर साल करीब 200 करोड़ रुपये की आय होगी. केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग (सीईआरसी) ने विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से मुफ्त विद्युत की शेड्यूलिंग और लेखा प्रबंधन को व्यवस्थित करने के लिए एक नई प्रक्रिया को स्वीकृति प्रदान की है. यह प्रक्रिया हिमाचल के लिए 9 अगस्त, 2024 से लागू हो जाएगी.
सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, "नई प्रक्रिया के लागू होने के बाद प्रदेश को सेंटर सेक्टर की विद्युत परियोजनाओं से अपनी अधिकारिक मुफ्त बिजली के हिस्से को सीधे उत्पादन केंद्र से बस बार आधार पर बेचने का अधिकार प्राप्त होगा, जिससे विद्युत की सटीक शेड्यूलिंग और लेखांकन हो पाएगा. सीधे उत्पादन केंद्र से अपने हिस्से की बिजली बेचने से ट्रांसमिशन शुल्क की बचत होगी और अन्य कई तरह के नुकसान भी न्यूनतम होंगे".
सरकार आय बढ़ाने को लगातार कर थी प्रयास:सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि विद्युत उत्पादन केंद्रों के बस बार से मुफ्त विद्युत की शेड्यूलिंग और लेखा प्रबंधन से विद्युत का कुशल प्रबंधन सुनिश्चित होगा. विद्युत परियोजना के कार्यशील होने के बाद ट्रांसमिशन शुल्क की अदायगी की जाती है. हिमाचल में अनेक परियोजनाएं दशकों से कार्यशील हैं. इस प्रक्रिया के लागू होने से राजस्व बचत भी होगी. प्रदेश सरकार आय सृजन के साधनों को बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. संसाधनों की बचत और उनके कुशल प्रबंधन के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहे हैं. वित्तीय अनुशासन भी सुनिश्चित किया जा रहा है और विभिन्न क्षेत्रों में प्रक्रियाओं को सरल बनाया जा रहा है.