शिमला: राज्य सरकार ने पूर्ववर्ती हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ चयन आयोग (एचपीपीएससी) हमीरपुर के सरप्लस घोषित कर्मचारियों की सेवा से संबंधित नियमों, विनियमों व शर्तों को हाईकोर्ट के सामने पेश करने को 4 सप्ताह के अतिरिक्त समय की मांग की है. न्यायाधीश ज्योत्स्ना रिवाल दुआ ने राज्य सरकार के इस आग्रह को स्वीकार कर मामले की सुनवाई को शीतकालीन छुट्टियों के बाद निर्धारित करने के आदेश दिए. इस मामले में कोर्ट ने 24 अक्टूबर 2024 को कहा था कि सरकार का कर्तव्य है कि वे सरप्लस पूल में रखे अधिकारियों और कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक सेवा शर्तों को तैयार करें.
मामले के मुताबिक एचपीएसएससी के बंद होने के बाद याचिकाकर्ता सहित पूर्ववर्ती एचपीएसएससी के अन्य कर्मचारियों को 26 अप्रैल 2023 को वित्त विभाग की और से बनाए गए सरप्लस पूल में स्थानांतरित कर दिया गया था. इसके बाद वित्त विभाग ने सरप्लस पूल में रखे अधिकारियों और कर्मचारियों को रिक्तियों के विरुद्ध विभिन्न विभागों को आवंटित किया. याचिकाकर्ता को हिमाचल प्रदेश चयन आयोग आवंटित किया गया था.
याचिकाकर्ता का कहना है कि वह अधीक्षक ग्रेड वन के पद पर भर्ती और पदोन्नति नियमों में पात्रता मानदंड के अनुसार अगली पदोन्नति के लिए पात्र है. हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के कर्मचारियों की पदोन्नति पर विचार के लिए डीपीसी का गठन 23 फरवरी 2021 को किया गया था. हालांकि इसकी सिफारिशों को लागू नहीं किया गया. क्योंकि आयोग का कामकाज उस समय निलंबित कर दिया गया था.
याचिकाकर्ता ने प्रतिवादियों को अधीक्षक ग्रेड वन के पद के लिए डीपीसी की बैठक बुलाने का निर्देश देने की मांग की है. प्रदेश सरकार का कहना है कि एचपीएसएससीए हमीरपुर हिमाचल प्रदेश का कानूनी इकाई के रूप में अस्तित्व समाप्त हो गया है. इसलिए याचिकाकर्ता के स्थायी समावेश के बाद ही उसकी पदोन्नति पर विचार किया जा सकता है.