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'दि एटर्नल लॉर्ड ग्रेट शिवा टेम्पल्स ऑफ उत्तराखंड' बुक लॉन्च, तमाम शिव मंदिरों की मिलेगी जानकारी - The Eternal Lord Book Launch

The Eternal Lord Book Launch in Haridwar उत्तराखंड के विभिन्न शिव मंदिरों पर आधारित किताब 'दि एटर्नल लॉर्ड ग्रेट शिवा टेम्पल्स ऑफ उत्तराखंड' विमाचन किया गया. इस बुक को हरिद्वार जिला प्रशासन ने तैयार किया है. जिसमें हरिद्वार डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल और लेखक अशोक पांडे के सहयोग से तैयार किया गया है.

The Eternal Lord Book Launch in Haridwar
दि एटर्नल लॉर्ड बुक रा विमोचन (फोटो- X@pushkardhami)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 30, 2024, 10:00 PM IST

हरिद्वार:धर्मनगरी हरिद्वार में इन दिनों कांवड़ मेला चल रहा है. ऐसे में हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने शिवभक्त कांवड़ियों के लिए एक अनोखी पुस्तक तैयार की है. जिसमें भगवान शिव के बारे में जानकारी दी गई है. साथ ही उत्तराखंड के तमाम सभी शिव मंदिर और उनके महत्व के बारे में संपूर्ण जानकारी दी गई है. जिसका विमोचन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी समेत साधु संतों ने किया.

हरिद्वार डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने तैयार की है किताब:दरअसल, हरिद्वार जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने दि एटर्नल लॉर्ड, ग्रेट शिवा टेम्पल्स ऑफ उत्तराखंड (The Eternal Lord: Great Shiva Temples of Uttarakhand) लिखी है. जिसका विमोचन सीएम पुष्कर सिंह धामी, आचार्य बाल कृष्ण, गायक हंसराज रघुवंशी, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने संयुक्त रूप से किया. यह पुस्तक भगवान शिव के महानतम स्वरूप सदाशिव से प्रेरित है. राज्य में इस प्रकार की पुस्तक का पहली बार प्रकाशन है, जिसमें भगवान शिव के लगभग सभी मंदिरों की जानकारियां दी गई है.

यह पुस्तक भारतीय परंपरा में भगवान शिव के आध्यात्मिक, धार्मिक, सामाजिक और ऐतिहासिक आयामों से तो परिचित कराती ही है. साथ ही उत्तराखंड के ऐतिहासिक और सामाजिक परिप्रेक्ष्य में अहम जानकारियां भी उपलब्ध कराती है. पुस्तक का सबसे महत्वपूर्ण अंश में उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में अवस्थित शिव मंदिरों का विस्तृत वर्णन है. पुस्तक के इस खंड में पंच केदार धाम से लेकर जागेश्वर और बैजनाथ जैसे अनेक पुरातन शिव मंदिरों से संबंधित मिथकीय व लोक आधारित आयामों को विस्तार से स्थान दिया गया है.

लोकप्रिय मंदिरों के अलावा सुदूर क्षेत्रों में मौजूद शिव मंदिरों के बारे में भी अनूठी जानकारियां उपलब्ध कराई गई है. जिनके बारे में सामान्य के पास जानकारी बहुत ज्यादा नहीं है. पुस्तक में उत्तराखंड के इन पुरातन शिव मंदिरों में दृष्टिगोचर होने वाली विविध वास्तुशिल्पीय विशेषताओं और शैलियों के विषय में भी आकर्षक तथ्य जुटाए गए हैं. इन शिव मंदिरों की विभिन्न शैलीगत घटकों, प्रवृत्तियों के कलात्मक और ऐहतिहासिक आयामों का परिचय भी दिया गया है.

क्या बोले हरिद्वार डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल? ईटीवी भारत से बात करते हुए हरिद्वार के जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि शताब्दियों से देश-विदेश के संत सन्यासियों, तीर्थयात्रियों, यात्रियों, शोधकर्ताओं और इतिहासकारों को आकर्षित करने वाले इन महान शिव मंदिरों का महात्म्य अनेक शाखों व ग्रंथों में उपलब्ध है. उनका मानना है कि भगवान शिव को समर्पित ये मंदिर महान भारतीय वास्तुशिल्प की प्राचीन जड़ों का प्रामाणिक साक्ष्य प्रस्तुत करते हैं. एक ऐसे इतिहास की ओर संकेत करते हैं, जो कलात्मक और सांस्कृतिक रूप से विलक्षण ऊंचाइयां प्राप्त कर चुका था.

इस अर्थ में भगवान शिव के आराधना स्थल हमारी सबसे प्रमुख सामूहिक, सांस्कृतिक और सामाजिक धरोहर हैं. इस धरोहर को सुरक्षित और संरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी है. इस पुस्तक में उत्तराखंड में स्थित भगवान शिव के लगभग सभी मंदिरों की पौराणिक, ऐतिहासिक जानकारियों, महत्व और उनकी स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है. यह राज्य में पहली बार है कि इस प्रकार की कॉफी टेबल बुक का प्रकाशन किया गया है.

पुस्तक तैयार करने में लगे 2 साल: डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने बताया कि इस पुस्तक को तैयार करने में 2 साल से ज्यादा समय लगा है, जो कि हल्द्वानी के एक लेखक अशोक पांडे की सहायता से तैयार की गई है. इस बुक में आने वाले समय में उत्तराखंड के और शिव मंदिरों को जोड़ा जाएगा. इसे ए बुक के फॉर्म में भी लाया जाएगा. अभी इसकी 500 से ज्यादा कॉपियां बनाई गई है, जिसे शिव भक्तों को भी दी जाएगी, जो इसे लेना चाहेंगे.

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