जयपुर.मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान की कानून व्यवस्था के साथ ही क्राइम कंट्रोल को लेकर एक्शन मोड में है. प्रदेश में क्राइम कंट्रोल को लेकर सीएम ने पुलिस अफसरों के साथ समीक्षा बैठक की. मीटिंग में जिलों के पुलिस अधीक्षकों से लेकर डीजीपी तक के अफसर शामिल थे. सीएम ने अफसरों को दो टूक कहा कि अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, साथ ही ड्यूटी पर सिपाही हो या सीनियर अफसर उसकी बेइज्जती सरकार की बेइज्जती है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने खबरों की कटिंग के साथ रेंज में एसपी या आईजी से सवाल किए तो कुछ जवाब नहीं दे पाए, इस पर सीएम ने नाराजगी दिखाई.
पड़ोसी राज्यों से समन्वय बनाए : बैठक के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि पुलिस की जिम्मेदारी है कि अवैध गतिविधियों पर खुद आगे बढ़कर कार्रवाई करें. छोटे-छोटे अपराधों पर कार्रवाई होगी तो बड़ी घटना को टाला जा सकता है. मुख्यमंत्री ने 5 पड़ोसी राज्यों से समन्वय स्थापित कर अंतर्राज्यीय अपराधियों के विरुद्ध संयुक्त अभियान चलाने के भी निर्देश दिए. राज्य में निवेश और विकास तभी संभव है, जब प्रदेश में शांति और कानून व्यवस्था सुदृढ़ रहेगी. मुख्यमंत्री ने सीएलजी, सुरक्षा सखी, जन प्रतिनिधियों से तालमेल बनाए रखने की बात कही. युवाओं को अपराध से दूर रखने के लिए सकारात्मक गतिविधियों से जोड़ने के भी निर्देश दिए.
अवैध खनन पर नकेल कसने की तैयारी : सीएम ने कहा कि राजस्थान में माइनिंग लाइसेंस दिए जा रहे हैं, लेकिन अवैध खनन भी बढ़ा है. अवैध खनन रोकने के सीएम ने विभागों को संयुक्त अभियान चलाने के निर्देश दिए, साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध पर समय से कार्रवाई करने तथा गो-तस्करी के खिलाफ अभियान जारी रखने के निर्देश दिए. इधर महिला अत्याचारों के कुछ मामलों की खबरों को लेकर मुख्यमंत्री ने अजमेर सहित कुछ रेंजों के पुलिस अधीक्षकों से कार्रवाई के बारे में पूछा. इस दौरान कुछ ने जवाब दे दिया, जबकि कुछ जवाब नहीं दे पाए तो सीएम ने नाराजगी जताई और उन्होंने इन तरह के मामलों में संवेदनशील रहकर कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
थानों से लेकर अधिकारी समय पर जन सुनवाई करे : मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने कहा कि जनता की समस्याओं और मुद्दों को गौर से सुनें और उनका त्वरित समाधान करें. जनता को जनसुनवाई का जो समय दें उस पर अधिकारी मौजूद रहें. प्राथमिक रूप से परिवादियों को सुनें और कार्रवाई करें. अधिकारी थानों में जाकर स्टाफ से बात करें. पुलिस को जनता के साथ संवेदनशील व्यवहार रखकर उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान सुनिश्चित करना चाहिए, सभी संभाग एवं जिला स्तरीय पुलिस अधिकारी नियमित रूप से जनसुनवाई करें, ताकि परिवादियों की समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सके.