नई दिल्ली:दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के रूप में हुई है. इस मामले में केजरीवाल से पहले तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की बेटी के कविता को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इस मामले में अब तक कुल 16 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. बताया जा रहा है कि केजरीवाल की गिरफ्तारी में अहम सबूत विजय नायर, राघव मांगूटा और अमित अरोड़ा की गतिविधियां रहीं है. कौन हैं ये तीनों? इस मामले में क्या है इनका रोल जानिए...
AAP के कम्युनिकेशन हेड रहे हैं विजय नायर:सीबीआई ने सितंबर 2022 में आम आदमी पार्टी के संचार प्रमुख और शराब नीति मामले में सबसे पहले विजय नायर को गिरफ्तार किया था. नायर केजरीवाल के बेहद करीबी बताए जाते हैं. वह एक इवेंट मैनेजमेंट कंपनी के सीईओ भी रहे हैं. विजय वर्ष 2014 में आम आदमी पार्टी से जुड़े. वह AAP के कम्युनिकेशन हेड थे. 2020 में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जब तीसरी बार मुख्यमंत्री बने तो विजय नायर पार्टी में नीतियों पर भी काम करने लगे.
नायर पर साउथ की कंपनी और आम आदमी पार्टी के बीच नई शराब नीति के तहत काम दिलाने और उसके एवज में शुल्क लेने, चुन-चुनकर लाइसेंस देने, साजिश रचने का आरोप है. कहा जाता है कि इवेंट कंपनी से आम आदमी पार्टी के बैकरूम तक विजय नायर का कद काफी तेजी से बढ़ा. आम आदमी पार्टी में उनका कद कितना बड़ा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह अभियान से लेकर नीति निर्माण तक में पार्टी को सलाह देते थे.
राघव मगुंटा की गवाही पर जेल गए संजय सिंह:राघव मगुंटा आंध्र प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वाईएसआर कांग्रेस के नेता और सांसद मगुंटा श्रीनिवासुलू रेड्डी के बेटे हैं. ED ने मगुंटा को कथित शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया था. ED का आरोप है कि शराब के फुटकर व थोक विक्रेताओं और निर्माताओं का साउथ का एक खास कार्टेल है. इस कार्टेल को दिल्ली की उसी विवादित शराब नीति का फायदा उठाने के लिए बनाया था, जो केजरीवाल सरकार लेकर आई थी.