भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान, जिसे घना के नाम से भी जाना जाता है, इन दिनों पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. क्रिसमस और नए साल के मौके पर सर्दियों की छुट्टियां बिताने के लिए देश-विदेश से हजारों पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं. पक्षियों की विविध प्रजातियों और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए प्रसिद्ध यह उद्यान इन दिनों पूरी तरह से गुलजार है.
ई-रिक्शा की अतिरिक्त व्यवस्था : उद्यान के निदेशक मानस सिंह ने बताया कि पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रशासन ने उद्यान के 125 ई-रिक्शा के अलावा शहर से 30 अतिरिक्त ई-रिक्शा की व्यवस्था की है. इससे पर्यटकों को उद्यान भ्रमण में सहूलियत मिल रही है. सर्दियों की छुट्टियों में पर्यटकों का जोश देखते हुए यह कदम उठाया गया है.
क्रिसमस पर गुलजार हुआ घना (ETV Bharat Bharatpur) प्रवासी पक्षियों का आकर्षण : घना उद्यान में इन दिनों सैकड़ों प्रजातियों के हजारों प्रवासी पक्षी देखे जा सकते हैं. साइबेरिया, मंगोलिया और यूरोप से आने वाले पक्षियों के कलरव से उद्यान का वातावरण मनमोहक बन गया है. रंग-बिरंगे पक्षी, पेंटेड स्टार्क, ई ग्रेट, स्पूनबिल, क्रेन, स्पॉट-बिल डक और बार-हेडेड गीज पर्यटकों के आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं. हर साल की तरह इस बार भी पक्षियों का प्रवास शुरू होते ही उद्यान में प्रकृति प्रेमियों और पक्षी प्रेमियों की भीड़ जुटने लगी है.
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जनवरी तक भीड़ बढ़ने की संभावना : निदेशक मानस सिंह ने बताया कि क्रिसमस और नए साल के अवसर पर उद्यान में पर्यटकों की संख्या में हर साल इजाफा होता है. इस साल भी जनवरी के पहले सप्ताह तक बड़ी संख्या में पर्यटकों के आने की उम्मीद है. हमने पर्यटकों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं. सुरक्षा और सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
घना में पर्यटक (ETV Bharat Bharatpur) स्विट्जरलैंड से आए पर्यटकों डेनियल और मार्टिन ने घना उद्यान के प्राकृतिक सौंदर्य की जमकर तारीफ की. उन्होंने कहा कि घना बहुत ही खूबसूरत जगह है. यहां के रंग-बिरंगे पक्षी मन मोह लेते हैं. यह स्थान प्रकृति और शांति के बीच समय बिताने के लिए बेहतरीन है. उद्यान में आए पर्यटक इस प्राकृतिक स्थल की सुंदरता और शांत वातावरण से काफी प्रभावित नजर आए. दिल्ली से आई पर्यटक सुनीता वर्मा ने बताया कि यहां आकर हमें प्रकृति के साथ समय बिताने का एक बेहतरीन मौका मिला. प्रवासी पक्षियों को इतने पास से देखना एक अनोखा अनुभव है.
निदेशक मानस सिंह ने पर्यटकों से अपील की है कि वे उद्यान में स्वच्छता बनाए रखें और पक्षियों को किसी भी प्रकार से परेशान न करें. इसके साथ ही, पर्यटकों को गाइड और ई-रिक्शा सेवाओं का उपयोग करने की सलाह दी गई है, ताकि वे सुरक्षित और व्यवस्थित तरीके से उद्यान का आनंद ले सकें. केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान न केवल पक्षियों का निवास स्थल है, बल्कि यह यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में भी शामिल है. यह उद्यान भारत में सबसे महत्वपूर्ण पक्षी अभ्यारण्यों में से एक है और हर साल बड़ी संख्या पर्यटक यहां घूमने आते हैं.