जयपुर : पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 महानगर प्रथम ने नाबालिग किशोरी को अनैतिक काम के लिए बेचने का प्रयास और उससे दुष्कर्म में अपने पुत्र का सहयोग करने वाली महिला करिश्मा उर्फ कस्सो को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर 61 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने प्रकरण में नैना, सपना और मंजू को गिरफ्तारी वारंट से तलब कर मुकदमा चलाने की कार्रवाई शुरू करने को कहा है.
पीठासीन अधिकारी तिरुपति कुमार गुप्ता ने कहा कि "अभियुक्त ने स्वयं महिला होते हुए भी पीड़िता का दर्द नहीं समझा और उसे अपने बेटे की सहायता से घर से भगवाया. उसे वेश्यावृत्ति के लिए बेचने का प्रयास किया. जब पीड़िता अपना शोषण कराने के लिए तैयार नहीं हुई तो अपने बेटे के जरिए उसे टार्चर कराया. अदालत ने कहा कि ऐसी महिला समाज रूपी बगिया में उगे कैक्टस के समान है."
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बाल अपचारी पर भगाने के आरोप : अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक राकेश महर्षि ने अदालत को बताया कि पीड़िता की मां ने 10 जुलाई 2014 को गलता गेट थाने में पीड़िता के लापता होने की जानकारी दी थी. रिपोर्ट में बाल अपचारी पर उसे बहला फुसलाकर ले जाने का आरोप लगाया था. इस पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने बाल अपचारी के खिलाफ किशोर बोर्ड में चालान पेश किया था और बोर्ड ने उसे तीन साल के लिए सुरक्षित स्थल भीलवाड़ा में भेजने के आदेश दिया था.
सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि बाल अपचारी और नैना व सपना उसे बहला फुसला कर शिकोहाबाद ले गए थे. यहां बाल अपचारी ने अपने घर पर उसके साथ दुष्कर्म किया और अनैतिक काम कराना चाहा. इसके बाद बाल अपचारी व अभियुक्त उसे एक दलाल के पास बेचने के लिए ले गए, लेकिन कम रुपए के चलते वह उसे वापस ले आए. इसी बीच बाल अपचारी उसे फिरोजाबाद में रहने वाली मंजू के पास ले गए और यहां भी उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता ने बताया कि कुछ दिन बाद वहां मंजू की भाभी आई और उसे साथ लेकर जयपुर रेलवे स्टेशन के बाहर छोड़कर चली गई.