अलवर: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली का कहना है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री की सुनवाई नहीं हो रही. प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद चक्रव्यूह में फंसे हुए हैं. मुख्यमंत्री जब किसी काम की हां करते हैं, तो दिल्ली में बैठे यहां के नेता उस काम की मना करवा देते हैं. इससे ऐसा लगता है, मानों मुख्यमंत्री खुद अपने स्तर पर कुछ कर नहीं सकते. उन्हें प्रदेश के कामों के लिए भी दिल्ली से परमिशन लेनी पड़ती है. नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली शनिवार को पूर्व मंत्री शकुंतला रावत के घर घटना की जानकारी लेने पहुंचे थे, इसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की.
टीकाराम जूली ने कहा कि पूर्व मंत्री के घर पर इस तरह की लगातार घटनाएं होना गंभीर बात है. यह आम बात नहीं है कि एक ही आदमी के घर में एक माह में लगातार तीन बार बदमाश आएं. उन्होंने कहा कि हर बार पुलिस को रिपोर्ट दी गई, लेकिन इसके बावजूद भी पुलिस की ओर से कोई भी कार्रवाई इस प्रकरण में नहीं की गई. उन्होंने कहा कि उनकी जानकारी में आया है कि इस प्रकरण के संबंध में एक बदमाश को पकड़ा है, जो की नाबालिग है.
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नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह भी एक गंभीर विषय है कि प्रदेश में देश में ऐसे गिरोह सक्रिय हो गए हैं, जो नाबालिगों को ऐसी घटनाओं को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने कहा कि हाल ही में भिवाड़ी प्रकरण, अलवर में और बाबा सिद्दीकी मामले में भी आरोपियों में नाबालिग का नाम सामने आ रहा है. इस विषय पर गंभीर चिंतन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की बात की जाए, तो यह सरकार सभी मामलों में पूरी तरह से फेल साबित हुई है. मुख्यमंत्री विदेश में घूम रहे हैं, मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है, ऐसा लगता है मानो गृह विभाग सो रहा हैं.