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पानी पहुंचाने की प्लानिंग फेल, छिंदवाड़ा के 1509 गांव के लोग भरी बरसात में भी प्यासे - Chhindwara Water Planning Failed

हर गांव में पानी पहुंचाने की योजना छिंदवाड़ा में फेल हो गई है. यह हम नहीं बल्कि आंकड़े बता रहे हैं. इसे अफसरों की लालफीताशाही कहें या सिस्टम का खामियाजा लेकिन हकीकत तो यही है कि इस भरी बरसात में भी हजार से ऊपर गांव के लोग पीने के पानी को तरस रहे हैं. पढ़िए खास खबर.

CHHINDWARA WATER PLANNING FAILED
छिंदवाड़ा में पानी पहुंचाने की प्लानिंग फेल! (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 2, 2024, 9:50 AM IST

छिंदवाड़ा:देश भर में शुरू की गई 'हर घर नल से जल' योजना का छिंदवाड़ा में बेड़ागर्क हो गया है. यह योजना भले ही 4 साल पहले शुरू की गई थी लेकिन यह जल शक्ति मिशन यहां आज भी सपना ही बनकर रह गई है. छिंदवाड़ा अकेले में यह हालत है कि यहां 980 योजनाएं अधूरी हैं और करीब 42 योजनाओं में तो काम ही शुरू नहीं हुआ है. फिर ऐसे में कैसे हर घर में नल से जल पहुंच पाएगा.

छिंदवाड़ा के कई गांव में नहीं पहुंचा पानी (ETV Bharat)

1509 गांव में थी पानी पहुंचाने की प्लानिंग

हर गांव में पानी पहुंचाने की सरकार की सबसे बड़ी योजना 4 साल बाद भी जमीन पर अधूरी है. 980 योजनाएं ऐसी हैं जो आज भी अधूरी हैं जबकि 42 योजनाओं में अफसर काम ही नहीं शुरू कर पाए हैं. टारगेट था कि 2024 तक जिले के 1509 गांवों में हर घर पानी पहुंचा दिया जाएगा लेकिन अफसरों ने इस योजना में कोई गंभीरता नहीं बरती, जिस वजह से आज भी लोग पानी को तरस रहे हैं.

छिंदवाड़ा में नल-जल योजना फेल (ETV Bharat)

2024 तक हर घर नल से जल पहुंचाने की ती डेडलाइन

जल जीवन मिशन में हर घर शुद्ध जल पहुंचाने की योजना को अफसर ही पलीता लगा रहे हैं. साल 2024 तक गांव के हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचाने के लिए शासन जहां करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है वहीं जिले में अब तक 42 योजनाओं का काम शुरू भी नहीं हो पाए हैं. अफसरों की लापरवाही से 938 योजनाओं में औसत 50 फीसदी ही निर्माण कार्य हो पाया है. 1 साल के एक्सटेंशन पर चल रही इस योजना में निर्माण कार्यों की रफ्तार अभी भी बहुत धीमी है.

छिंदवाड़ा में पानी की समस्या को लेकर बैठक (ETV Bharat)

जल जीवन मिशन अब भी अधूरा

जल जीवन मिशन के तहत छिंदवाड़ा और पांढुर्ना जिले के 1509 गांवों के लिए 1 अप्रैल 2020 में योजनाएं स्वीकृत हुई थीं, जो कि अप्रैल 2024 तक पूरी होनी थी. देरी से शुरू किए गए निर्माण काम के चलते मार्च 2025 तक लक्ष्य को पूरा करने का एक्सटेंशन दिया गया है लेकिन विभाग में खाली पड़ी अफसरों की कुर्सी के चलते कर्मचारियों के भरोसे पर योजनाओं की प्रगति निर्भर कर रही है.

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ब्लैक लिस्टेड फर्मों से करा रहे अधूरा निर्माण काम

छिंदवाड़ा डिवीजन में ईई की कुर्सी 4 माह से खाली पड़ी है. हाल ही में परासिया डिवीजन में ईई के तौर पर एसडीओ को चार्ज दिया गया है. बारिश के कारण यहां भी निर्माण कामों की प्रगति धीमी पड़ गई है. ऐसे में लक्ष्य पूरा करना बड़ी चुनौती है तो वहीं पीएचई ने निर्माण कामों में लापरवाही बरतने वाले आधा दर्जन ठेकेदारों को ब्लैक लिस्ट किया था लेकिन इन योजनाओं में अधूरे पड़े निर्माण कामों को अब उन्हीं ठेकेदारों के जरिए पूरा कराया जा रहा है. एडीएम केसी बोपचेने कहा है कि "जल जीवन मिशन के तहत कुछ कामों में देरी हुई है लेकिन ठेकेदार को 1 साल का और अतिरिक्त समय दिया गया है. जल्द ही प्रशासन की देखरेख में योजना पूरी कर ली जाएगी."

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