पटना:बिहार में महापर्व छठ पूजा को लेकर तैयारियां जोरों पर है. 'षष्ठी' का अर्थ होता है छठी और इस दिन देवियों में से षष्ठी देवी की पूजा की जाती है. जो संतान की रक्षा और आरोग्य की अधिष्ठात्री मानी जाती हैं. छठी मैया की पूजा विशेष रूप से बिहार पूर्वांचल सहित उत्तर भारत में बड़े ही श्रद्धा भाव से की जाती है.
चार दिनों का होता है महापर्व: चार दिनों तक चलने वाले छठ पूजा के अनुष्ठान में पहले दिन नहाए खाए से शुरुआत होती है. महापर्व के दूसरे दिन खरना का पूजा होता है. तीसरे दिन संध्या का अर्घ्य दिया जाता है. महापर्व के चौथे दिन सुबह के अर्घ्य के साथ चार दिनों के छठ पर्व का अनुष्ठान संपन्न होता है.
सूर्य और छठी मैया को अर्घ देने की परंपरा: ज्योतिर्वेद विज्ञान संस्थान पटना के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ राजनाथ झा ने ईटीवी भारत से बातचीत में छठ महापर्व में छठी मैया एवं सूर्य देवता की पूजा के महत्व की जानकारी दी. कहा कि हर देवता की एक शक्ति स्वरूपा होती है. सूर्य देवता की शक्ति स्वरूपा छठी मैया ही हैं. पौराणिक कथा के अनुसार 6 कृतिका ने मिलकर देवी का रूप लिया.
सूर्य उपासना से पहले षष्ठी देवी की पूजा: पंडित राजनाथ झा ने बताया कि किसी भी देवता की पूजा से पहले उनकी शक्ति की पूजा की जाती है. जैसे विष्णु की पूजा से पहले लक्ष्मी की पूजा, महादेव की पूजा से पहले पार्वती जी की पूजा, ब्रह्मा की पूजा से पहले सरस्वती जी की पूजा जाती है. वैसे ही सूर्य उपासना से पहले षष्ठी देवी की पूजा की जाती है.
किसे दिया जाता है संध्या का अर्घ:चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में संध्या का अर्घ्य सूर्य की शक्ति स्वरूपा षष्ठी माता को पड़ता है. इसीलिए शाम के अर्थ को प्रतिहार षष्ठीव्रत कहा जाता है. संध्याकालीन आराधना में सूर्य की सविता जो षष्ठी मां के नाम से जानी जाती है. उनके निमित्त सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. प्रतिहार षष्ठी व्रत उपासना के बाद उदयकालिक व्रत में सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है.
"छठी मैया का स्वरूप मातृ शक्ति का प्रतीक है. सनातन परंपरा में षष्ठी देवी को संतान की रक्षा करने वाली और उन्हें दीर्घायु प्रदान करने वाली देवी माना जाता है. महाभारत और पुराणों में भी षष्ठी देवी की महिमा का वर्णन मिलता है. षष्ठी देवी को छठी मैया के रूप में पूजने की परंपरा इस विश्वास से जुड़ी है कि वे बच्चों की रक्षा करती हैं और संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देती हैं."-डॉ राज नाथ झा, ज्योतिष
छठी मैया की स्तुति में श्लोक: छठी मैया की कृपा और उनकी महिमा का गुणगान शास्त्रों में इस प्रकार किया गया है.